Sonu Singh

Sonu Singh Lives in Patna, Bihar, India

परछाइयों तले

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आभा दिप्तमां अगन सी चूड़ियां जो बन गए तलवार ढाल सी स्वयं में हो जिंदा एक नारी फूलन सी मन में हो चिंगारी फूलन सी.... ©Sonu Singh

#शायरी #BanditQueen  आभा दिप्तमां अगन सी
चूड़ियां जो बन गए तलवार ढाल सी
स्वयं में हो जिंदा एक नारी फूलन सी
मन में हो चिंगारी फूलन सी....

©Sonu Singh
#कृष्णकीचेतावानी #कविता #HindiDiwas2020 #krishna_flute #सिंह  कृष्ण की चेतावनी

कितने जख्मों को छिपा बैठी थी बेजुबान थी,तो आह दबा बैठी थी जानती थी कीमत एक नन्ही सी जान की इसलिए तेरे गुनाहों को भुला बैठी थी भरोसे ने जब उसको ठगा होगा तब आंखों से रक्त ही बहा होगा कुछ वक़्त लगेगा ये घाव तो भर जाएगा सोच कर दिल में उसने यही कहा होगा मातृत्व के सुखद अहसासों को जानी थी मैं पर तेरे इस रूप से तो सच में,अनजानी थी मै बेबस थी,लाचार थी..भूख से थोड़ी बीमार थी फिर भी संतान सुख के लिए बिल्कुल तैयार थी मैं तो मासूम थी, तेरे दिए जख्मों को सही थी मैं उस हाल में भी 3 दिन पानी में रही थी मैं अब तो आंखों में काले बादल से छाने लगे थे मौत की आहटे भी डराने लगे थे जिस पावों ने भरोसे ने खड़ा किया था मुझे वो पांव भी अब डगमगाने लगे थे जो दर्द मिले वो बड़े ही प्यारे निकले इंसानों से रिश्ते कुछ इस तरह हमारे निकले मैं तो बेजुबान थी कह ना सकी और बेगुनाह कातिल मेरे सारे निकले एक ख़्वाब था वो अब रहा नहीं शब्द थे पर अब जबां नहीं निःशब्द 😓

#विचार #RIPHUMANITY  कितने जख्मों को छिपा बैठी थी
बेजुबान थी,तो आह दबा बैठी थी
जानती थी कीमत एक नन्ही सी जान की
इसलिए तेरे गुनाहों को भुला बैठी थी 
भरोसे ने जब उसको ठगा होगा
तब आंखों से रक्त ही बहा होगा
कुछ वक़्त लगेगा ये घाव  तो भर जाएगा
सोच कर दिल में उसने यही कहा होगा
मातृत्व के सुखद अहसासों को जानी थी मैं
पर तेरे इस रूप से तो सच में,अनजानी थी मै
बेबस थी,लाचार थी..भूख से थोड़ी बीमार थी
फिर भी संतान सुख के लिए बिल्कुल तैयार थी
मैं तो मासूम थी, तेरे दिए जख्मों को सही थी मैं
उस हाल में भी 3 दिन पानी में रही थी मैं
अब तो आंखों में काले बादल से छाने लगे थे
मौत की आहटे भी डराने लगे थे
जिस पावों ने भरोसे ने खड़ा किया था मुझे
वो पांव भी अब डगमगाने लगे थे
जो दर्द मिले
वो बड़े ही प्यारे निकले
इंसानों से रिश्ते कुछ इस
तरह हमारे निकले
मैं तो बेजुबान थी कह ना सकी
और बेगुनाह कातिल मेरे सारे निकले 
एक ख़्वाब था वो अब रहा नहीं
शब्द थे पर अब जबां नहीं

निःशब्द 😓

अपने हिस्से में आये चांद को,चलो संभाल लेते हैं कुछ इस तरह अपने गुनाहों पर पर्दा डाल लेते हैं ।।

#शायरी #eidmubarak  अपने हिस्से में आये चांद को,चलो संभाल लेते हैं
कुछ इस तरह अपने गुनाहों पर पर्दा डाल लेते हैं ।।
#कविता #puskardiary #ehsas
#krishna_flute
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