Ayush Mishra

Ayush Mishra

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#विचार  अजीब सा दस्तूर होता है इस जिन्दगी का भी,,,,

और लोग भी ना जाने कैसी रश्में निभाते हैं

वाजिब ही ये सुना है हमने....

की जिनके लिये हम हस्ते हस्ते इस सारी दुनियां से बेखौफ उलझ जाते हैं....

एक दिन वही लोग इस बेगैरत और मतलबी दुनियां के डर से....


हमारे हालातों की परवाह किये बगैर ही....
हमें कहीं बीच सफर में ही बहोत तनहा छोड़ जाते हैं।।।


      ✍️ _Ayush_✍️

©Ayush Mishra

#@Quote

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#विचार  सजदे लाखों किये.....          
मग़र दुआएं सारी🤐
नामन्जूर हो गयीं।


मेरा होकर भी🫠 
जो वो मूझसे दूर था🫥...
शायद सच में क़िस्मत को🤫 
कुछ और ही मन्जूर था🫥।।।

लोगों को आपकी गलतियां दिखायी देतीं हैं बहोत गौर से दिखायी देतीं हैं..... लेकिन उन्हें आपकी गलतियों के पीछे छुपा आपका प्यार दिखाई नहीं देता।

आपके नाम पर हल्ला होता है कुछ दिन में आप अच्छे खासे बदनाम भी हो जाते हैं,,,
गैरतलब नहीं लोगों का ये समझना कि आप गलत है....

औऱ फ़िर धीरे धीरे आप भी खुद को ही कसूरवार समझने लगे जातें हैं.....

पर उन भावनाओं का क्या उन जज्बातो का क्या जो हमारी हर गलतियों के पीछे छूपे होते हैं और बिल्कुल पाक होते है....

क्यों लोग बस वही देखते हैं जो वो देखना चाहते हैं.....
क्यों वो ये समझने की कोशिस नहीं करते कि एक ही सिक्के का दूसरा पहलू भी होता है....
जाती हुई रात ही अपने साथ दिन को ले कर आती है....
जाते हुए गम ही अपने साथ खुशियां लाते हैं.....
jindagi jid se toh nahin chalti
jruri nahin ki hr baar aap hi sahi ho kayi baar dusron ko bhi mauka dekar dekhein shayad unhonein aap se bhi kuch ajij socha ho...🤗

©Ayush Mishra

#@quote

87 View

#लव #✍️

#✍️ *;This article is written by me._*✍️ *_-जब मैं ओर तुम साथ हों,,🤍तो फ़िर यूं ही भीगी बरसात हो,🤍 खूबसूरत सा पल हो वो ख्वाबों जैसा,,🥰 जिसमें मुकम्मल हमारी ये पहली मुलाक़ात हो,,🥰सुन ले हम एक दूजे के दिल के शोर को,,🤍नजदीकियों से🤍काश की धड़कनों में बेचैनियों का वो सुरीला एहसास हो,,🤍 हर एक वो लम्हा ख़ास हो🥰जिसमें तू मेरे पास हो🤍काश की तब हम इतने पास हों,,🤍की तेरी सारी खामोशियाँ सिमटी हुई हो मुझमें,,🤍और मेरी खामोशिया तेरी सिमटी हुयी खामोशियो की आवाज़ हों,,🤍काश की हम इतने पास पास हों,,🤍 यूं बढ़ रहीं हों

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#कविता  
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                                  *_🤍This quote has been written by me in the memory of Banaras🤍._*


                                     *_माहियां पल है ये ऐसा😓_*
                                                 *_कहा लफ़्ज़ों से जाये ना🤫_*
                                  *_है दिल मे क्या छुपा मेरे 😌_*
                                               *_करूं कैसे तूझे मैं बयान🤍🫠_*

                                                *_✍️✍️Ayush.._*
                                                 *_Mishra..✍️✍️_*



                                      *_【तो कैसे तूझसे कह दूं मैं अब ये ❣️❣️।की होना पड़ेगा अब जुदा हमें❣️❣️।_*
                   *_【माना कि होंगे फांसलें दरमियां❣️❣️।मगर होंगी अब दूरियों से सदा❣️❣️।】_*

               *_ ✍️Ayush..Mishra..✍️_*

               *_फांसलें कुछ इस कदर दरमियां हो गए💘की वक़्त की एक छोटी सी चोट खाकर भी🤍 हम जुदा हो गए🙅🙅अगर मिलना हुआ तो मिलूंगा फिर कभी यादों में तुम्हें💓तो क्या हुआ अगर फांसलें दरमियान हो गए❣️❣️_*

          *_गर तुम करोगे कोशिस कभी  कुछ कहने की  मूझे.. तो बैठकर के मैं फिर गुमसुम सा🛐 तुम्हारी सारी खामोशियों को      फिर से सूनूँगा कभी❤‍🔥_*   
         
          🖤 *_तेरी इस खाम़ोशी से🖤 मेरी धड़कनों में उठ रहा ये  शोर❤‍🔥 मूझे हर पल और भी ज्यादा बेचैन किये जा रहा है..हूंगा    जुदा जुड़कर भी यूं तुमसे❤‍🔥न जाने क्यों ये दर्द अब मेरे अल्फ़ाज़ बना जा रहा है❤‍🔥❤‍🔥_*


                *_मग़र मुद्दत से ऐसे वक्त का आना भी तो निजामत थी💝साथ खड़ी थी मेरे जिन्दगी♥️और अब दौड़ मूझे मौत के साथ लगानी थी💠🌐_* 

         *_इस दिन के मौसम के रुख के सूर में घुली कुछ ऐसी बेगानी थी❤‍🩹 काली घटा से घिरी सी..आज की ये सुबहा ♥️अमावस की घनी काली रात से भी काली थी🖤_*

                *_पहले तो लगा काले काले बादलों में छुपा कर 🖤शायद खुदा ने मेरे लिए भेजा कोई सन्देशा था🖤_*
*_और कभी अगले ही पल को  लगा कि🤍 ये अंधेरा समेट लेगा अब मुझको खुद में कहीं🖤 तो कभी लगा कि💛 काशी के सारे गमों की आज मुझ पर ही बरसात होने वाली है🖤🖤_*

*_अँधेरा होगा घना आज की रात भी पर ये सोचा कहां कि🖤 अब मेरी जिन्दगी में बस रात ही रात होगी❣️❣️महफ़ूज रख  लूं मैं आंखों में मेरी तेरा घुन उजाला🖤🖤ना जाने फ़िर कब अब मुलाकात होगी💘💘 _*

*_कहाँ पता था मूझे की इस गम में हमारे सरीख ये सारी कायनात होगी🖤आँखों में डुबाये हुए समंदर से काशी के हर सुंखे पत्तों पर बरसात होगी💙_*

*_🖤 चाहता था मैं खुद को कुछ  पल बाहों में तेरी महफ़ूज रखना🖤लम्हे दो लम्हे फिर तेरे इस रिमझिम सफ़र पर तेरे साथ चलना🖤🖤_*

*_मग़र करीब आ चुकीं जुदाई की ये घड़ियां🖤🖤अब कुछ बिना कहें भी समझाना चाहती थी🖤🖤शायद वो मेरी शांसों को🖤मेरी धड़कनो से दूर ले जाना चाहतीं थीं🖤मूझे हर पल कमजोर किये जा रही थी..रूह से मेरे मेरी जान को कहीं दूर लिए जा रहीं थी,,कसूर ना था उन घडियों का भी शायद🖤🖤 शायद कुदरत ने भी  हक में हमारे लिख रखी जुदाई थी🖤🖤वरना कब इस दिल ने कोई अनसुलझी सी रीत निभाई थी🖤🖤पर अबकी बार कुदरत ने कलम  सांसो पर चलाई थी🖤🖤_*  

*_कुछ इस कदर🖤यादों से तेरी होकर  मलंग🖤दूर हो रहा था मैं तूझसे🖤सहकर  मेरे सारे गम🖤_*

*_मगर मैंने अपनी आँखों मे तूझको यूं  महफ़ूज रखा था💓💓तेरी तस्वीर के उजाले से🖤अपनी तकदीर के इस काले अन्धेरे को🖤तेरे रोशन दिए से कहीं दूर रखा था💓💓_*

©Ayush Mishra

#Poetry

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#कविता  *_🤍This quote has been written by me in the memory of Banaras🤍._*


*_माहियां पल है ये ऐसा😓_*
*_कहा लफ़्ज़ों से जाये ना🤫_*
*_है दिल मे क्या छुपा मेरे 😌_*
*_करूं कैसे तूझे मैं बयान🤍🫠_*

                  *_✍️✍️Ayush.._*
*_Mishra..✍️✍️_*



*_【तो कैसे तूझसे कह दूं मैं अब ये ❣️❣️।की होना पड़ेगा अब जुदा हमें❣️❣️।_*
*_【माना कि होंगे फांसलें दरमियां❣️❣️।मगर होंगी अब दूरियों से सदा❣️❣️।】_*
   *_ ✍️Ayush..Mishra..✍️_*

*_फांसलें कुछ इस कदर दरमियां हो गए💘की वक़्त की एक छोटी सी चोट खाकर भी🤍 हम जुदा हो गए🙅🙅अगर मिलना हुआ तो मिलूंगा फिर कभी यादों में तुम्हें💓तो क्या हुआ अगर फांसलें दरमियान हो गए❣️❣️_*

 *_गर तुम करोगे कोशिस कभी  कुछ कहने की  मूझे.. तो बैठकर के मैं फिर गुमसुम सा🛐 तुम्हारी सारी खामोशियों को  फिर से सूनूँगा कभी❤‍🔥_*   

🖤 *_तेरी इस खाम़ोशी से🖤 मेरी धड़कनों में उठ रहा ये  शोर❤‍🔥 मूझे हर पल और भी ज्यादा बेचैन किये जा रहा है..हूंगा जुदा जुड़कर भी यूं तुमसे❤‍🔥न जाने क्यों ये दर्द अब मेरे अल्फ़ाज़ बना जा रहा है❤‍🔥❤‍🔥_*


*_मग़र मुद्दत से ऐसे वक्त का आना भी तो निजामत थी💝साथ खड़ी थी मेरे जिन्दगी♥️और अब दौड़ मूझे मौत के साथ लगानी थी💠🌐_* 

*_इस दिन के मौसम के रुख के सूर में घुली कुछ ऐसी बेगानी थी❤‍🩹 काली घटा से घिरी सी..आज की ये सुबहा ♥️अमावस की घनी काली रात से भी काली थी🖤_*

*_पहले तो लगा काले काले बादलों में छुपा कर 🖤शायद खुदा ने मेरे लिए भेजा कोई सन्देशा था🖤_*
*_और कभी अगले ही पल को  लगा कि🤍 ये अंधेरा समेट लेगा अब मुझको खुद में कहीं🖤 तो कभी लगा कि💛 काशी के सारे गमों की आज मुझ पर ही बरसात होने वाली है🖤🖤_*

*_अँधेरा होगा घना आज की रात भी पर ये सोचा कहां कि🖤 अब मेरी जिन्दगी में बस रात ही रात होगी❣️❣️महफ़ूज रख  लूं मैं आंखों में मेरी तेरा घुन उजाला🖤🖤ना जाने फ़िर कब अब मुलाकात होगी💘💘 _*

*_कहाँ पता था मूझे की इस गम में हमारे सरीख ये सारी कायनात होगी🖤आँखों में डुबाये हुए समंदर से काशी के हर सुंखे पत्तों पर बरसात होगी💙_*

*_🖤 चाहता था मैं खुद को कुछ  पल बाहों में तेरी महफ़ूज रखना🖤लम्हे दो लम्हे फिर तेरे इस रिमझिम सफ़र पर तेरे साथ चलना🖤🖤_*

*_मग़र करीब आ चुकीं जुदाई की ये घड़ियां🖤🖤अब कुछ बिना कहें भी समझाना चाहती थी🖤🖤शायद वो मेरी शांसों को🖤मेरी धड़कनो से दूर ले जाना चाहतीं थीं🖤मूझे हर पल कमजोर किये जा रही थी..रूह से मेरे मेरी जान को कहीं दूर लिए जा रहीं थी,,कसूर ना था उन घडियों का भी शायद🖤🖤 शायद कुदरत ने भी  हक में हमारे लिख रखी जुदाई थी🖤🖤वरना कब इस दिल ने कोई अनसुलझी सी रीत निभाई थी🖤🖤पर अबकी बार कुदरत ने कलम  सांसो पर चलाई थी🖤🖤_*  

*_कुछ इस कदर🖤यादों से तेरी होकर  मलंग🖤दूर हो रहा था मैं तूझसे🖤सहकर  मेरे सारे गम🖤_*

*_मगर मैंने अपनी आँखों मे तूझको यूं  महफ़ूज रखा था💓💓तेरी तस्वीर के उजाले से🖤अपनी तकदीर के इस काले अन्धेरे को🖤तेरे रोशन दिए से कहीं दूर रखा था💓💓_*

©Ayush Mishra

#Poetry

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#जानकारी #Learning  Kabhi khud se yeh sawal bhi jarur puchhiyega...😓
Ki kya aap sach mein itne majboor ho gaye hain....🫥😓
Kyon Aapki jindgi ka koi bhi faisla aapke.hanth mein nahin hain...🫥🤫
Kya aap aaj jaise hai aap khud ko waisa hi dekhna chahte the....🫥😌
Agr nhin to abhi bhi uthiye aur badliye apne waqt ko Apne halat ko or Apne aap ko....🫥

Talk Of Life

Baitha kinni door main🙄
Hoke majboor main🤐

Rabba teri kidda di sazaawan🤔
Ek sun le awaaz🙄

Ek poori karde meri aas😶
Ek maan ja ardaas...🫥🙂

©Ayush Mishra

#Learning

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