Pravin Holkar

Pravin Holkar Lives in New Delhi, Delhi, India

जो परिचय दे भी दूँ, तो क्या मुझे जान पाओगे? #First_love_flute

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#Achyutam_Keshavam_Krishna_Damodaram #संगीत #krishna_flute #FlutePlayer
#संगीत

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।

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कभी-कभी मेरी बोतल से, जरा सा पानी पी लेता है, तो कभी-कभी बगैर पूछे, मेज़ से चीज़ो को उठा लेता है। कभी-कभी यूँ ही बैठे-बैठे नयी कुर्सी की पोलोथिन को, अपने नाखूनों पर बांधकर, मेरे हाथ पर जोर से खींच देता है। कभी-कभी बस यूँ ही पूंछ बैठता है, कि मेरे से डिस्टर्ब तो नहीं हो रहा, फिर भी ना जाने क्यों वो मेरे पास बैठता है। हाँ, वो मेरे से बातें नहीं करता है, फिर भी ना जाने क्यों वो, बेवजह यूँ ही देखकर मुस्करा देता है।

 
कभी-कभी मेरी बोतल से,
जरा सा पानी पी लेता है,
तो कभी-कभी बगैर पूछे, 
मेज़ से चीज़ो को उठा लेता है।

कभी-कभी यूँ ही बैठे-बैठे 
नयी कुर्सी की पोलोथिन को,
अपने नाखूनों पर बांधकर,
मेरे हाथ पर जोर से खींच देता है। 

कभी-कभी बस यूँ ही पूंछ बैठता है,
कि मेरे से डिस्टर्ब तो नहीं हो रहा, 
फिर भी ना जाने क्यों वो मेरे पास बैठता है। 

हाँ, वो मेरे से बातें नहीं करता है, 
फिर भी ना जाने क्यों वो,
बेवजह यूँ ही देखकर मुस्करा देता है।

कभी-कभी मेरी बोतल से, जरा सा पानी पी लेता है, तो कभी-कभी बगैर पूछे, मेज़ से चीज़ो को उठा लेता है। कभी-कभी यूँ ही बैठे-बैठे नयी कुर्सी की पोलोथिन को, अपने नाखूनों पर बांधकर,

10 Love

उसे रात का अँधियारा पसन्द है, और मुझे सुबह की लालिमा। उसे चाय की मिठास पसंद है, और मुझे दूध की महक। उसे बातें करना पसंद है, और मुझे ख़ामोश रहना। उसे बाहर की दुनिया पसंद है, और मुझे कमरे में ख़ुद को अकेला रखना। उसे ख़ूबसूरती पसंद है, और मुझे सादगी। उसे रूहफ़्जा पसंद है, और मुझे नींबू-पानी। उसे गुनगुनाना पसंद है, और मुझे सुनना। उसे लिखना पसंद है, और मुझे पढ़ना। उसे वो सब-कुछ पसंद है, जो मुझे नहीं है।

#पसंद #उसे #poem  उसे रात का अँधियारा पसन्द है, 
और मुझे सुबह की लालिमा। 

उसे चाय की मिठास पसंद है,
और मुझे दूध की महक। 

उसे बातें करना पसंद है,
और मुझे ख़ामोश रहना।

उसे बाहर की दुनिया पसंद है,
और मुझे कमरे में ख़ुद को अकेला रखना। 

उसे ख़ूबसूरती पसंद है,
और मुझे सादगी। 

उसे रूहफ़्जा पसंद है,
और मुझे नींबू-पानी। 

उसे गुनगुनाना पसंद है,
और मुझे सुनना। 

उसे लिखना पसंद है,
और मुझे पढ़ना।  

उसे वो सब-कुछ पसंद है,
जो मुझे नहीं है।

#उसे वो सब-कुछ #पसंद है, जो मुझे नहीं है।

7 Love

इंसाँ की ख्वाहिशें इतनी बड़ी हो गई हैं "पवन", एक छोटी सी ख्वाहिश मुकम्मल होने पर भी ख़ुश नहीं होता।

#एक_छोटी_सी_ख्वाहिश #ख्वाहिशें #विचार  इंसाँ की ख्वाहिशें 
इतनी बड़ी हो गई हैं "पवन",
एक छोटी सी ख्वाहिश 
मुकम्मल होने पर भी ख़ुश नहीं होता।

शीर्षक - "तुम कहाँ नहीं हो" मेरी सुबह में तुम हो, मेरी शाम में तुम हो, मेरे दिन में तुम हो, मेरी रात में तुम हो, ----- ----- (पूरी कविता नीचे कैप्शन में पढ़िए)

#कविता  शीर्षक - "तुम कहाँ नहीं हो" 

मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,
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(पूरी कविता नीचे कैप्शन में पढ़िए)

मेरी सुबह में तुम हो, मेरी शाम में तुम हो, मेरे दिन में तुम हो, मेरी रात में तुम हो, मेरे अंदर तुम हो, मेरे बाहर तुम हो,

9 Love

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