Rinky ❤

Rinky ❤ Lives in Srinagar, Uttarakhand, India

खुदा की लिखी शायरी हूँ मैं अल्फाज़ाे से बुनी कहानी हूँ मैं | ❤

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मी धुन बणी जौलु त तुम गीत बणीन मैं हिया बणलु त तुम पराणं बणीन मी सौं बणलु त तुम करार बणीन मी थकी जालु त तुम मेरू साथ बणीन अर तुम दूर रौला जु त सदनि अपणा स्वीणौं मा रखीन मैं सदानि अफु मा ही रखिन | ©Rinky ❤

#garhwalicouple #lovebirds #garhwali #pahadi #pReet  मी धुन बणी जौलु 
त तुम गीत बणीन 
मैं हिया बणलु 
त तुम पराणं बणीन 
मी सौं बणलु 
त तुम करार बणीन 
मी थकी जालु 
त तुम मेरू साथ बणीन 
अर तुम दूर रौला जु 
त सदनि अपणा स्वीणौं मा रखीन 
मैं सदानि अफु मा ही रखिन |

©Rinky ❤

पुराने लम्हें कुछ यूं याद आते हैं जैसे एक बूंद से शुरु हाेकर बरसात की बूंदें रिम झिम बरसने लगती है कुछ यूं ही ये अतीत की यादें एक एक कर के बरसने लगती हैं बरसती कुछ यूं हैं कि मायूस सा चेहरा खुशी की लहराें में तब्दील हाे जाता है तभी अचानक एक किस्सा रूह काे कुछ यूं हिला देता है जैसे इन्ही बरसाताें के बीच जाेर जाेर से बादलाें का घरजना मन काे भयभीत कर देता है आैर इसी घरजना के बीच कही अतीत काे याद कर जाे चेहरा खुशी की लहराें से खिल गया था वाे यादाें के तूफान से सहम जाता है आैर फिर शुरु हाे जाती है आँखाे की बरसातें तब बरस बरस कर ये भी खुद काे हल्का कर देती है कुछ यूं ही हाेती है ये यादें जाे एक पल में हँसी ताे दूसरे पल मायूस कर जाती हैं | -rinkykala

 पुराने लम्हें कुछ यूं याद आते हैं
जैसे एक बूंद से शुरु हाेकर 
बरसात की बूंदें
रिम झिम बरसने लगती है
कुछ यूं ही ये अतीत की यादें
एक एक कर के बरसने लगती हैं
बरसती कुछ यूं हैं 
कि मायूस सा चेहरा
खुशी की लहराें में तब्दील हाे जाता है
तभी अचानक एक किस्सा
रूह काे कुछ यूं हिला देता है
जैसे इन्ही बरसाताें के बीच
जाेर जाेर से बादलाें का घरजना
मन काे भयभीत कर देता है
आैर इसी घरजना के बीच कही
अतीत काे याद कर जाे चेहरा
खुशी की लहराें से खिल गया था
वाे यादाें के तूफान से सहम जाता है
आैर फिर शुरु हाे जाती है 
आँखाे की बरसातें
तब बरस बरस कर ये भी
खुद काे हल्का कर देती है
कुछ यूं ही हाेती है ये यादें
जाे एक पल में हँसी 
ताे दूसरे पल मायूस कर जाती हैं |


                                  -rinkykala

पुराने लम्हें कुछ यूं याद आते हैं जैसे एक बूंद से शुरु हाेकर बरसात की बूंदें रिम झिम बरसने लगती है कुछ यूं ही ये अतीत की यादें एक एक कर के बरसने लगती हैं बरसती कुछ यूं हैं कि मायूस सा चेहरा खुशी की लहराें में तब्दील हाे जाता है तभी अचानक एक किस्सा रूह काे कुछ यूं हिला देता है जैसे इन्ही बरसाताें के बीच जाेर जाेर से बादलाें का घरजना मन काे भयभीत कर देता है आैर इसी घरजना के बीच कही अतीत काे याद कर जाे चेहरा खुशी की लहराें से खिल गया था वाे यादाें के तूफान से सहम जाता है आैर फिर शुरु हाे जाती है आँखाे की बरसातें तब बरस बरस कर ये भी खुद काे हल्का कर देती है कुछ यूं ही हाेती है ये यादें जाे एक पल में हँसी ताे दूसरे पल मायूस कर जाती हैं | -rinkykala

17 Love

घसेरी हाथ्याें मा दथुडी धरी कांधी मा कंडी रखी कभी ये धार त कभी ते धार कभी ये डाली मा त कभी उूंचा उूचां बिट्टा मा हर्यु घास खुजाेणी च या हाैर क्वी नीन या मेरा गौं की घस्यारी च | घाम चमकुडू मुंड मा अरे घाम चमकुडू मूंड मा गलु वेकु तीसाणु च अभी आधा कंडी घास की वे अर नाैनु घर मु भुकाडु च छि भई याें रूढ्याें का दिनाें मा य्य बाेटलू घासाें भी नी दिखेडू च खाली कंडुं कनके लिजालु घर शरीर वेकु झुराणु च | दूर बिट्टा मा घास दिख्यायी जब नजर वेन चाै तरफी लगायी घास देखी पराण वेकु ज़रा उन्द आयी ते ऊँचा बिट्टा मा स्या चढन लग्यायी साेची ना तीन एक बार भी खुट्टी रडी जाली त क्या कली ते घास काटी भी जनी तनी करी सा बिट्टा मा चढी ग्यायी कंडी भरीक घर पेटन लगी ग्यायी | भूख तीस सब बिसरीक खुटी सरासर बढाेन लेगी घर झटपट पाैछी जाेन मन मा स्या साेचड लेगी साेचडा हाेला यू तुम भी कु हाेली या इन भी अरे त बतें दयूं या हाैर क्वी नीन हाँ या हाैर क्वी नीन या मेरा उत्तराखंड की घसेरी च | -रिंकी काला

#घसेरी #gadhwalipoetry #uttrakhand #gadhwali #pahadi  घसेरी 

हाथ्याें मा दथुडी धरी 
कांधी मा कंडी रखी
कभी ये धार 
त कभी ते धार 
कभी ये डाली मा 
त कभी उूंचा उूचां बिट्टा मा
हर्यु घास खुजाेणी च 
या हाैर क्वी नीन 
या मेरा गौं की घस्यारी च |

घाम चमकुडू मुंड मा
अरे घाम चमकुडू मूंड मा
गलु वेकु तीसाणु च
अभी आधा कंडी घास की वे
अर नाैनु घर मु भुकाडु च 
छि भई याें रूढ्याें का दिनाें मा
य्य बाेटलू घासाें भी नी दिखेडू च 
खाली कंडुं कनके लिजालु घर 
शरीर वेकु झुराणु च |

दूर बिट्टा मा घास दिख्यायी
जब नजर वेन चाै तरफी लगायी
घास देखी पराण वेकु ज़रा उन्द आयी
ते ऊँचा बिट्टा मा स्या चढन लग्यायी
साेची ना तीन एक बार भी
खुट्टी रडी जाली त 
क्या कली ते घास काटी भी
जनी तनी करी सा बिट्टा मा चढी ग्यायी
कंडी भरीक घर पेटन लगी ग्यायी |

भूख तीस सब बिसरीक  
खुटी सरासर बढाेन लेगी
घर झटपट पाैछी जाेन 
मन मा स्या साेचड लेगी
साेचडा हाेला यू तुम भी 
कु हाेली या इन भी
अरे त बतें दयूं या हाैर क्वी नीन
हाँ या हाैर क्वी नीन
या मेरा उत्तराखंड की घसेरी च |


                             -रिंकी काला

तिबारी मा बैठयू छाे में साेचडु छाे एक बात का गेन हाेला सी दिन , बैठयू छाे उदास चाेकाे मा खेल्या दिन , का गे हाेला आज | आंखी मेरी भरी गैनी देखी देखी या तिबार काटी बालापन का दिन जख आज हाेयी स्या ख्डवार | दै दादाें न खिलाया जख भै बैडाें कि छीन याद दग्णयाें दगडी हँसी खुशी खेल्या यख कयी त्याैहार छाजा सजा रन्दा जख कनु राैत्यालु चाैपास खुद लगणी मेते ताे दिनाें की कख हरची हाेलु मेरू सु मुलुक आज | कातिक कु मैनु लगदू दिवालियाें की च बार भैलु खेलेदूं यख आैजी बजाेंदा ढाेल की ताल झुमैलाें आैर गीताें की लगी च बाैछार हंसी खुशी फैली रन्दी छेयी ये चाैक तिबार आज घास का बाेटला जम्या मेरा चाेक तिबार | बेटी ब्वारी घास कु बणु बणु जान्दा बुड्या भग्यान अपरी छव्वी बात लगदा मिली बाटी खान्दा सभी पल्याे आैर भात काैदे की राेटी की त अलग ही छै बात | मन मेरी खुदेड्यु च साेची साेची य बात आंखी भरी गेनी मेरी देख्यी अपरा गाै कु यु हाल | -रिंकी काला

#कविता  तिबारी मा बैठयू छाे में 
साेचडु छाे एक बात 
का गेन हाेला सी दिन ,
बैठयू छाे उदास
चाेकाे मा खेल्या दिन ,
का गे हाेला आज |
आंखी मेरी भरी गैनी 
देखी देखी या तिबार
काटी बालापन का दिन जख
आज हाेयी स्या ख्डवार |

दै दादाें न खिलाया जख
भै बैडाें कि छीन याद
दग्णयाें दगडी हँसी खुशी खेल्या
 यख कयी त्याैहार  
 छाजा सजा रन्दा जख
कनु राैत्यालु चाैपास 
खुद लगणी मेते ताे दिनाें की 
कख हरची हाेलु मेरू सु मुलुक आज |

कातिक कु मैनु लगदू
 दिवालियाें की च बार
 भैलु खेलेदूं यख
आैजी बजाेंदा ढाेल की ताल
झुमैलाें आैर गीताें की लगी च बाैछार 
हंसी खुशी फैली रन्दी छेयी
ये चाैक तिबार
आज घास का बाेटला जम्या
मेरा चाेक तिबार |

बेटी ब्वारी घास कु बणु बणु जान्दा 
बुड्या भग्यान अपरी छव्वी बात लगदा 
मिली बाटी खान्दा सभी पल्याे आैर भात
काैदे की राेटी की त अलग ही छै बात |
मन मेरी खुदेड्यु च
साेची साेची य बात
आंखी भरी गेनी मेरी
देख्यी अपरा गाै कु यु हाल |

   -रिंकी काला

तिबारी मा बैठयू छाे में साेचडु छाे एक बात का गेन हाेला सी दिन , बैठयू छाे उदास चाेकाे मा खेल्या दिन , का गे हाेला आज | आंखी मेरी भरी गैनी देखी देखी या तिबार काटी बालापन का दिन जख आज हाेयी स्या ख्डवार | दै दादाें न खिलाया जख भै बैडाें कि छीन याद दग्णयाें दगडी हँसी खुशी खेल्या यख कयी त्याैहार छाजा सजा रन्दा जख कनु राैत्यालु चाैपास खुद लगणी मेते ताे दिनाें की कख हरची हाेलु मेरू सु मुलुक आज | कातिक कु मैनु लगदू दिवालियाें की च बार भैलु खेलेदूं यख आैजी बजाेंदा ढाेल की ताल झुमैलाें आैर गीताें की लगी च बाैछार हंसी खुशी फैली रन्दी छेयी ये चाैक तिबार आज घास का बाेटला जम्या मेरा चाेक तिबार | बेटी ब्वारी घास कु बणु बणु जान्दा बुड्या भग्यान अपरी छव्वी बात लगदा मिली बाटी खान्दा सभी पल्याे आैर भात काैदे की राेटी की त अलग ही छै बात | मन मेरी खुदेड्यु च साेची साेची य बात आंखी भरी गेनी मेरी देख्यी अपरा गाै कु यु हाल | -रिंकी काला

15 Love

#Worldsmileday ये हँसी छुपी रूस्तम सी लगती है जी हाँ छुपी रूस्तम छुपी रूस्तम कहना इसे शायद गलत न हाेगा इसके पीछे क्या क्या छुपा है ये भी ताे देखना हाेगा छुपे हैं इसके पीछे वाे आँखाें की बरसाते जाे बरस कर खुद काे हल्का कर देना चाहती हैं छुपी है इसके पीछे कई अनकही कहानीयाँ ताे कहीं छुप गए हैं कुछ अहसास जिन्हें सुन कर शायद किसी काे सुकून मिले आैर किसी काे सीख मगर ये भी हाँ ये भी मुस्कुराते हाेठाें के पीछे छुप से गए हैं छुप रखी है वाे खुशियाँ जाे इस मुस्कुराहट से आगे बढना चाहती हैं ज़ाेर ज़ाेर से चिल्लाकर खुद काे बाँटना चाहती हैं मगर ये भी इसी मुस्कुराहट तक सिमट कर रह गयी हैं सिर्फ ये ही नहीं कई अल्फाज भी हाँ कई अल्फाज़ इसके पीछे छुप गए हैं शायद अब धीरे धीरे वाे भी कहीं खाे रहें हैं | -rinky

#कविता #WorldSmileDay #nojotoworld #Hidden  #Worldsmileday  ये हँसी 
 छुपी रूस्तम सी लगती है
जी हाँ छुपी रूस्तम
छुपी रूस्तम कहना इसे 
शायद गलत न हाेगा
इसके पीछे क्या क्या छुपा है
ये भी ताे देखना हाेगा
छुपे हैं इसके पीछे
वाे आँखाें की बरसाते 
जाे बरस कर खुद काे
हल्का कर देना चाहती हैं
छुपी है इसके पीछे
कई अनकही कहानीयाँ
ताे कहीं छुप गए हैं 
कुछ अहसास
जिन्हें सुन कर शायद
किसी काे सुकून मिले
आैर किसी काे सीख
मगर ये भी
हाँ ये भी
मुस्कुराते हाेठाें के पीछे
छुप से गए हैं
छुप रखी है वाे खुशियाँ
जाे इस मुस्कुराहट से
आगे बढना चाहती हैं
ज़ाेर ज़ाेर से चिल्लाकर
खुद काे बाँटना चाहती हैं
मगर ये भी 
इसी मुस्कुराहट तक 
सिमट कर रह गयी हैं
सिर्फ ये ही नहीं
कई अल्फाज भी
हाँ कई अल्फाज़
 इसके पीछे छुप गए हैं
शायद अब धीरे  धीरे 
वाे भी कहीं खाे रहें हैं |

-rinky

#Smile #Hidden #nojoto #nojotoworld

13 Love

वाे खामाेशी से भरी विडियाें कॉल हाँ माना कुछ सुनने में अजीब सा लगता है पर यकीन मानियें काफी खूबसूरत किस्सा है किस्सा शुरू कुछ यूँ हाेता है जब स्क्रीन पर उनका हाँ सिर्फ उनका नाम दिखता है पर बगल में काेई बैठा मिलता है पर मन बैचैन कहाँ किसी कि सुनता है सब काे देख भी कॉल उठाने काे तरसता है फिर क्या फाेन हाथ में आैर पहली निगाह उन पर दूसरी निगाह खुद पर खुद काे देख अब फिर से उनकी बारी आती है ताे हाल चाल बस ये निगाहे ही बता जाती है फिर कुछ यूँ नजरे मिल जाती है कि चेहरे पर एक बडी सी मुस्कुराहट आ जाती है तब उसी मुस्कुराहट पर दिल उलझता चला जाता है आैर इसी बीच किसी के चलने कि आवाजें कानाें तक पहुँच जाती हैं आैर जल्द ही साइलेंट विडियाें कॉल का सिलसिला खत्म हाे जाता है पर आँखाें में बसी वाे तस्वीर मन बार बार दाेहराता है आैर चेहरे पर मुस्कुराहट दे जाता है | --rinky

#silentvediocall #कविता #nojotopoetry #FirstLove #foryou  वाे खामाेशी से भरी विडियाें कॉल 
हाँ माना कुछ सुनने में अजीब सा लगता है
पर यकीन  मानियें काफी खूबसूरत किस्सा है 
किस्सा शुरू कुछ यूँ हाेता है
जब स्क्रीन पर उनका 
हाँ सिर्फ उनका नाम दिखता है
पर बगल में काेई बैठा मिलता है 
पर मन बैचैन कहाँ किसी कि सुनता है
सब काे देख भी कॉल उठाने काे तरसता है
फिर क्या फाेन हाथ में 
आैर पहली निगाह उन पर
दूसरी निगाह खुद पर
खुद काे देख अब फिर से
उनकी बारी आती है
ताे हाल चाल बस 
ये निगाहे ही बता जाती है
फिर कुछ यूँ नजरे मिल जाती है
कि चेहरे पर
 एक बडी सी मुस्कुराहट आ जाती है
तब उसी मुस्कुराहट पर 
दिल उलझता चला जाता है
आैर इसी बीच 
किसी के चलने कि आवाजें
कानाें तक पहुँच जाती हैं
आैर जल्द ही
 साइलेंट विडियाें कॉल का 
 सिलसिला खत्म हाे जाता है
पर आँखाें में बसी वाे तस्वीर 
मन बार बार दाेहराता है
आैर चेहरे पर 
मुस्कुराहट दे जाता है |

--rinky
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