संग संग चलना अधूरा रह गया संग संग चलना अधूरा रह गया।।
देके हाथों में हाथ।।
कह के गई ।।
बीच सफर में छोड़ेंगे ना साथ।।
सब झूठे रह गया।।
सब आंसुओ के संग बह गया।।
prakash Singh.
जिसमें था हमें इंतजार।।
आज आ गया वो पल।।
जी भर के प्यार करू।।
बाहों में आ जाओ।।
मेरे सनम मेरे हमदम।।
जी भर के ऐतबार करू।।
Prakash Singh
6 Love
कल रात के ख़्वाब में जब उनसे मुलाकात हुई
कल रात ख्वाब में।।
जब उनसे मुलाक़ात हुई।।
आंखों में आंखें डाल ।।
जब उनसे बात हुई।।
बड़ी प्यार से कह गई।।
वो।।
सपनों में जो आप मिले थे।।
मेरे दिल में प्यार के गुल खिले थे।।
सच में
क्या हसीन मुलाकात थी।।
वाकई में वो बहुत खुशनुमा रात थी।।
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