Virat Kaushik

Virat Kaushik

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

आज हँसो रो-ओ यह तुम्हारी इच्छा , तुम्हारी खुशी हैं क्यूंकि -कल- किधर लेकर जायेगा ये अज्ञात हैं ©Virat Kaushik

#Mic  आज हँसो रो-ओ
यह तुम्हारी इच्छा , तुम्हारी खुशी हैं

क्यूंकि -कल- किधर लेकर जायेगा
ये अज्ञात हैं

©Virat Kaushik

😊🙏🏻 #Mic

9 Love

देश में देश बनाने वालों खून का दरिया बनाने से तुम्हे रोकेंगे देश मेरा भी, तुम्हारा भी ओर सबका हैं आबरू उसकी बचाने के लिए तुम्हे टोकेंगे ©Virat Kaushik

#riots  देश में देश बनाने वालों
खून का दरिया बनाने से तुम्हे रोकेंगे

देश मेरा भी, तुम्हारा भी ओर सबका हैं
आबरू उसकी बचाने के लिए तुम्हे टोकेंगे

©Virat Kaushik

#riots

9 Love

आजकल बनावट ने किसे नहीं कसा हैं शिकंजे में चाहतो से भरी लगावट को मानो किसी ने कस लिया हैं पंजे में ©Virat Kaushik

 आजकल बनावट ने किसे नहीं
 कसा हैं शिकंजे में

चाहतो से भरी लगावट को
मानो किसी ने कस लिया हैं पंजे में

©Virat Kaushik

😊🙏🏻

7 Love

कौन सी थी बात वह जो ज्ञात उनको हो न पायी कौन सा वह कष्ट जिसको साथ में हमने न झेला किन्तु उनका स्वार्थ यों आँखें फिरा बैठा अचानक छोड़ बढ़ चले वे हमें बस अर्थ के खातिर अकेला ©Virat Kaushik

#Mic  कौन सी थी बात वह जो ज्ञात उनको हो न पायी
कौन सा वह कष्ट जिसको साथ में हमने न झेला

किन्तु उनका स्वार्थ यों आँखें फिरा बैठा अचानक
 छोड़ बढ़ चले वे हमें बस अर्थ के खातिर अकेला

©Virat Kaushik

😊🙏🏻 #Mic

11 Love

देकर के बुलावा अब मुझे तुम छल नहीं सकते मुझे बर्बाद करने के इरादे फल नहीं सकते लगालो आग चारों ओर करो सिमित सभी रस्ते मैं आंधी हूँ मुझे तुम कैद ऐसे कर नहीं सकते धरा की धुल को कैसे करोगे कैद मुट्ठी में मेरे अस्तित्व को ऐसे ख़तम तुम कर नहीं सकते उठेगी मांग अपनी भी फलक के इन बाज़ारो में लकीरें इस हथेली की ख़तम तुम कर नहीं सकते ©Virat Kaushik

#Mic  देकर के बुलावा अब मुझे
तुम छल नहीं सकते
मुझे बर्बाद करने के
इरादे फल नहीं सकते

लगालो आग चारों ओर
करो सिमित सभी रस्ते
मैं आंधी हूँ मुझे
तुम कैद ऐसे कर नहीं सकते

धरा की धुल को कैसे
करोगे कैद मुट्ठी में
मेरे अस्तित्व को ऐसे
ख़तम तुम कर नहीं सकते

उठेगी मांग अपनी भी
फलक के इन बाज़ारो में
लकीरें इस हथेली की
ख़तम तुम कर नहीं सकते

©Virat Kaushik

😊🙏🏻 #Mic

15 Love

आज सदियों के बाद जिन किलो, महलो, मकबरों को हम खुशी से देखने जाते हैं बावजूद इसके की हम ये जानते हैं की इन बड़े विशाल, सुन्दर किलो के अंतर में झांकती ये उदास मिनारे, बहुत सी अनकही कहानियों का एक गुमसुम गुम्बद हैं और कहीं न कहीं उसके भीतर भरी हुई घुटन, ख़ामोशी एक सुनापन सा हैं और उनमे दबी हुई न जाने कितनो की उदास और अनमानी क़बरे और उनसे जुडा हुआ वो इतिहास, वो लोग और उनको बनाने वाले उनसे जुड़े कलाकारों के न जाने कितने कत्लो की कहानी हैं कुछ ऐसी ही इसकी रूप रेखा हैं एक अज्ञात सा आकर्षण हैं जिनसे न जाने क्यों बहुत सी पलके भीगी हुई हैं एक मूक आस्था हैं जो मानो बताना चाहती हो की जो हम आज देखते है, उस समय की कल्पना करते हैं उसका ये सही रूप नहीं हैं बल्कि बहुत सी आखिरी ख्वाहिशों का शायद एक बेहूदा मज़ाक़ हैं इन बड़ी सी खूबसूरत मीनारो, महलो पर न जाने कितने बेगुनाहो की हत्या का दाग़ हैं यह कोई शायराना ख्वाब जैसा रंगीन नहीं हैं ये उन क्रूर शासको की मदहोश हसरतो का महज़ एक साया हैं ©Virat Kaushik

 आज सदियों के बाद जिन किलो, महलो, मकबरों को हम खुशी से देखने जाते हैं
बावजूद इसके की हम ये जानते हैं की इन बड़े विशाल, सुन्दर  किलो के
अंतर में झांकती ये उदास मिनारे, बहुत सी अनकही कहानियों का एक गुमसुम गुम्बद हैं

और कहीं न कहीं उसके भीतर भरी हुई
घुटन, ख़ामोशी एक सुनापन सा हैं

और उनमे दबी हुई न जाने कितनो की
उदास और अनमानी क़बरे

और उनसे जुडा हुआ वो इतिहास, वो लोग
और उनको बनाने वाले उनसे जुड़े कलाकारों
के न जाने कितने कत्लो की कहानी हैं

कुछ ऐसी ही इसकी रूप रेखा हैं
एक अज्ञात सा आकर्षण हैं
जिनसे न जाने क्यों बहुत सी
पलके भीगी हुई हैं
एक मूक आस्था हैं

जो मानो बताना चाहती हो की जो
हम आज देखते है, उस समय की कल्पना करते हैं
उसका ये सही रूप नहीं हैं
बल्कि बहुत सी आखिरी ख्वाहिशों का
शायद एक बेहूदा मज़ाक़ हैं

इन बड़ी सी खूबसूरत मीनारो, महलो पर
न जाने कितने बेगुनाहो की हत्या का दाग़ हैं

यह कोई शायराना ख्वाब जैसा रंगीन नहीं हैं
ये उन क्रूर शासको की मदहोश हसरतो का
महज़ एक साया हैं

©Virat Kaushik

😊🙏🏻

15 Love

Trending Topic