सबब मिलेगा मोहब्बत का शायद!
दिल में ये सवाल बाकी है।
उसे अब भी है मोहब्बत मुझसे
दिल में ये ख्याल बाकी है।
वफाएं तो तुझसे ही रही मेरी
मेरी तुझसे बेवफ़ाई बाकी है।
जिंदगी मान बैठा था दिल तुझे
जीने की अब गुंजाइश बाकी है।
ताल्लुक तहेदिल से ताउम्र रह सकते थे।
रहबर ने राहगीर बनाकर राह में अकेला कर दिया।
नासमझ से नादान , नाराज होकर सोच में पड़ गए....
जो मूरत मंजिल होती, उसे छोटा सा मंजर कर दिया।
@rangeelashayar
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