White *जहाँ पिता की आज्ञा पर पुत्र सिंहासन त्याग,
वन को चल दे वहाँ दशहरा है*।
जहाँ भाई भाई के आदर में कुटिया में रहकर,
खड़ाऊ से शासन करे वहाँ दशहरा है।
जहाँ पत्नी पति के लिए सोलह श्रृंगार त्याग,
वैराग्य धारण कर वन को चल दे वहाँ दशहरा है।
जहाँ मित्रता में मित्र को उसका खोया वैभव दिलाने के लिए,
मित्र जान जोखिम में डाल दे वहाँ दशहरा है।
दशहरा महज़ विजय नहीं,
कर्तव्य है, मर्यादा है, त्याग है।
आप सभी को विजयादशमी दशहरे की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं!
🙏💐 💐🙏
©बनवारी जाटव!
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