26 jan republic day यूँ ही नहीं है तुमको
बोलने की आज़ादी...
ये अधिकार तुम्हारे हिस्से में,
संविधान ने किए हैं...
हुक्मरां बेशक़ तुम्हारी
आवाज़ को रोक दें,
तुम्हारी क्रांतिकारी कविताओं को,
राजनीति की आग में झोंक दें,
मगर तुम्हें बोलते रहना होगा,
तुम्हें लिखते रहना होगा,
तुम्हें सच की राह पर
चलते रहना होगा...
एक दिन झुकाओगे तुम
इन हुक्मरानों के सर को,
बिन युद्ध के, बिन रक्त के
ताकत बनाओ कलम को...
तुम काटना उन सब जड़ों को
जो नफ़रत को बढ़ातीं हैं...
जो इंसानियत और मोहब्बत से बढ़कर
कोई और धर्म बतातीं हैं..
कोई फ़सादी न इसे तोड़ सके,
इस देश की एकता अखंड रहे
तुम ज़िंदा हो, ये बताते रहना,
ताकि सलामत ये लोकतंत्र रहे!
ताकि सलामत ये गणतंत्र रहे !
ताकि सलामत ये गणतंत्र रहे !
©K@vita KS
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