Rao Sahab Official

Rao Sahab Official Lives in Mount Abu, Rajasthan, India

हमारे हारने का अंदाज़ भी कुछ ऐसा होगा कि तुम जीत कर भी पछताओगे..😎 Instagram - rao_sahab_official_666

https://youtu.be/mmCXPP9Z_qY

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अल्फाजों के दीवाने तो हजारों मिल जाएंगे, मुझे तलाश उसकी है जो मेरी खामोशी समझ सके ।। ©Rao Sahab Official

#TYPEWRITER_SAYS #फ़िल्म  अल्फाजों के दीवाने तो हजारों मिल जाएंगे,
मुझे तलाश उसकी है जो मेरी खामोशी समझ सके ।।

©Rao Sahab Official
#विचार #Colors  रंगो से नहीं जनाब,
अब तो पल पल रंग बदलने वालो से डर लगने लगा है ।।

©Rao Sahab Official

#Colors

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मेरा चेहरा देख एक फ़क़ीर ने कहा "युह यदास होकर ना बैठ मुसाफ़िर राह ए मंजील मे अभी बहूत से रिश्ते बेनक़ाब होना बाकी है...।। ©Rao Sahab Official

#शायरी #Fire  मेरा चेहरा देख एक फ़क़ीर ने कहा
"युह यदास होकर ना बैठ मुसाफ़िर 
राह ए मंजील मे अभी बहूत से रिश्ते बेनक़ाब होना बाकी है...।।

©Rao Sahab Official

#Fire

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चूतिया लोग महाचूतिया लोग... फिर आते है मैक्रॉफुबिया वाले..😂 ©Rao Sahab Official

#कॉमेडी #funnyquote  चूतिया लोग महाचूतिया लोग...
फिर आते है मैक्रॉफुबिया वाले..😂

©Rao Sahab Official

Ab Khul Kar Jine K Liye Kisi Par To Marna Padega...❤️ ©Rao Sahab Official

#शायरी  Ab Khul Kar Jine K Liye
Kisi Par To Marna Padega...❤️

©Rao Sahab Official

Ab Khul Kar Jine K Liye Kisi Par To Marna Padega...❤️ ©Rao Sahab Official

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जो देखा था हमनें ख्वाब वो उतर गया नशा था जो महोब्बत का वो भी अब उतर गया हमे लगा था वो शख्स अधूरा है उसे मुकम्मल करते करते मैं खुद बिखर गया अच्छा था बुरा था ये तो मैं ठीक से नहीं जान पाया लेकिन वो एक दौर था जो निकल गया लगा कर अपनी दाव पर सांसों की पूंजी मैं नादान परिंदा अब लोगों को समझ गया...।। ©Rao Sahab Official

#शायरी  जो देखा था हमनें ख्वाब वो उतर गया
नशा था जो महोब्बत का वो भी अब उतर गया
हमे लगा था वो शख्स अधूरा है
उसे मुकम्मल करते करते मैं खुद बिखर गया
अच्छा था बुरा था ये तो मैं ठीक से नहीं जान पाया
लेकिन वो एक दौर था जो निकल गया
लगा कर अपनी दाव पर सांसों की पूंजी
मैं नादान परिंदा अब लोगों को समझ गया...।।

©Rao Sahab Official

जो देखा था हमनें ख्वाब वो उतर गया नशा था जो महोब्बत का वो भी अब उतर गया हमे लगा था वो शख्स अधूरा है उसे मुकम्मल करते करते मैं खुद बिखर गया अच्छा था बुरा था ये तो मैं ठीक से नहीं जान पाया लेकिन वो एक दौर था जो निकल गया लगा कर अपनी दाव पर सांसों की पूंजी मैं नादान परिंदा अब लोगों को समझ गया...।। ©Rao Sahab Official

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