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बस इतनी पाकीज़ा रहे आईना ए ज़िन्दगी, जब खुद से नज़र मिले तो बेमिसाल हो।
संघर्ष की बड़ी-बड़ी व्याख्याएँ कर रहे थे सभी, मैंने पिता लिखकर सबको मौन कर दिया। ©Rahul Soochik
Rahul Soochik
8 Love
फ़िक्र मत करो... मैं तुम्हे याद से भूल जाऊंगा। ©Rahul Soochik
12 Love
उदास लम्हे, उदास मौसम, उदास जिंदगी... कितनी चीज़ों पर इल्ज़ाम लगा है तेरे न होने से। ©Rahul Soochik
7 Love
यूं तो गुज़ारे मैंने कई दिन, महीने, साल... कमबख़्त वो रात आज भी नहीं कटती। ©Rahul Soochik
11 Love
जिंदगी की दास्तां ग़र पूछे कोई, तेरा नाम शौक़ से बता देता हूँ मैं। ©Rahul Soochik
10 Love
लो मैं आखों पे हाथ रखता हूं, तुम अचानक कहीं से आजाओ। ©Rahul Soochik
19 Love
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