जब जब दर्द का बादल छाया
जब ग़म का साया लहराया,
जब आँसू पालकों तक आया
जब यह तन्हा दिल घबराया,
हमने दिल को यह समझाया,
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है,
दुनिया में यूँ ही होता है।।
यह जो गहरे सन्नाटे हैं,
वक्त ने सबको ही बांटे हैं,
थोड़ा ग़म है सबका किस्सा,
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा,
आंख तेरी बेकार ही नम है,
हर पल एक नया मौसम है,
क्यूँ तू ऐसे पल खोता है,
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है।।
©Thepoetic
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