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social worker/writer/poet/teacher
Village Life मुक्तक अम्मा के आंचल के जैसी, छांव नहीं है जीवन में। बाबूजी सा कोई और , लगाव नहीं है जीवन में। बड़े बड़े शहरों में चाहे,कितनी ही सुविधाएं हैं। लेकिन वो पगडंडी वाला, गांव नहीं है जीवन में। ©Dr Nutan Sharma Naval
Dr Nutan Sharma Naval
17 Love
दोहा कच्छ और खरगोश की,देखी दौड़ विचित्र। हार, जीत के खेल में,उलझा रहा चरित्र।। ©Dr Nutan Sharma Naval
White दोहा मन के गहरे घाव पर,नमक छिड़कते आप। आपसे बेहतर यहां, हैं जहरीले सांप।। ©Dr Nutan Sharma Naval
14 Love
दोहा आसमान में उड़ रहे,गिद्ध, बाज औ चील। शायद है सारा शहर, लाशों में तब्दील।। ©Dr Nutan Sharma Naval
15 Love
White दोहा जीव-जंतु को मारकर,बन बैठा अंजान। जब गीदड़ हावी हुए,घबराए इंसान।। ©Dr Nutan Sharma Naval
12 Love
White दोहा अधरों पर फिर रुक गई,आते आते बात। समझो खाई है कहीं, अपनों से ही मात।। ©Dr Nutan Sharma Naval
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