Rajendra Jakhad

Rajendra Jakhad Lives in Kuchaman City, Rajasthan, India

  • Latest
  • Popular
  • Video
#लव  प्रभात की लाली खिले ज्यों राधा की मुस्कान..
पत्ता पत्ता हर्षाये, हर फूल में आये जान..
राधा भी क्या प्रीत करे, क्या लागे मोहन समान..
श्याम को देखन कब मिले जब राधा ही अनजान..

©Rajendra Jakhad

लव शायरी

90 View

#Ganesh_chaturthi #भक्ति  White बप्पा के आगमन पर पूरा शहर खिला–खिला है..
ढोल नगाड़ों का धूम हर जगह मचा है..
भक्ति के मार्ग पर प्रभु ने ये कैसा अदभुत आनंद रचा है..
आओ देखो गली गली में बप्पा का दरबार सजा है..

©Rajendra Jakhad
#लव  night quotes in hindi बात अधूरी है..
रात अधूरी है..
भौर में थोड़ी सी आशा..
सांझ फिर अधूरी है..

©Rajendra Jakhad

night quotes in hindi बात अधूरी है.. रात अधूरी है.. भौर में थोड़ी सी आशा.. सांझ फिर अधूरी है.. ©Rajendra Jakhad

135 View

#लव  White सावन सी बहार है..
घटाओं की रिमझिम फुहार है..
नई उमंग नया संचार है..
है ऊर्जा का ये अपार भंडार..
अब संजोये इसको कर्म पथ पर चलते है..
सांझ फिर इंतजार करते है..
कल फिर प्रभात खिलायेंगे..
आज सुप्रभात लिखते जायेंगे..।

©Rajendra Jakhad

White सावन सी बहार है.. घटाओं की रिमझिम फुहार है.. नई उमंग नया संचार है.. है ऊर्जा का ये अपार भंडार.. अब संजोये इसको कर्म पथ पर चलते है.. सांझ फिर इंतजार करते है.. कल फिर प्रभात खिलायेंगे.. आज सुप्रभात लिखते जायेंगे..। ©Rajendra Jakhad

144 View

#लव  White खिल रही है सावन सी भादो की प्रभात..
हर वस्तु में प्रकृति है प्रकृति में हरियाली बात..
और हर उपवन की शान खिले,खिले हर प्राण जात..
आप मुस्कुराओ तो जीवन खिले यही हमारी सुप्रभात..

©Rajendra Jakhad

White खिल रही है सावन सी भादो की प्रभात.. हर वस्तु में प्रकृति है प्रकृति में हरियाली बात.. और हर उपवन की शान खिले,खिले हर प्राण जात.. आप मुस्कुराओ तो जीवन खिले यही हमारी सुप्रभात.. ©Rajendra Jakhad

153 View

#Thinking #लव  White कुछ बात लिखूं या रहने दूं..
जज्बात लिखूं या रहने दूं..
बहुत कुछ है बाकी पूछना, पूछूं या रहने दूं..
कुछ आप अपने मन का बतलाओ..
हाल ए दिल का हमको दिखलाओ..
सफर ए जिन्दगी की गाड़ी का एक पहिया आपके पास है इक मेरे पास..
दोनो को मिलकर सम दिशा में संबल लगाना होगा..
अकेले चलाना मुश्किल होगा..
कोई मन में है बात तो खुलकर बतलाओ..
चैट पटल पर आकर सवालों के बादल हटाओ..
है वचन.. मान सम्मान पर कोई आंच न आने देंगे..
मन की बात मन से बहार न जाने देंगे..
साथी पर अब इतना विश्वास दिखलाओ..
आओ चैट पटल पर, मन की बात खुलकर बतलाओ..!

©Rajendra Jakhad

#Thinking

126 View

Trending Topic