Nishan K Phumatiya

Nishan K Phumatiya Lives in Dungarpur, Rajasthan, India

मेरे द्वारा लिखी गई "आज फिर उदास पानी" किताब से कुछ ली गई कविता और कविताओं के अंश।।।

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सफ़र सफर ना रुकता है ना टूटता है। अविरत अविराम बस चलता है मोड़ सफर के बाशिंदो को कभी मिलता है कभी तकता है अंतहीन सफर बस चलता है।।।। रूह सुहानी भोली सी जा कलेजे टकराई। थक कर आंसू टूट गए आंख थकी ना कजराई।। मोदक मिल गए बिन पानी के राग रुकी ना बज पाई। जान हथेली खिसक गई अगन कभी ना बुझ पाई।। कभी मिलता किसी मोड़ पर तो रुक कर जरा पूछ पाता। कभी दिखता कभी छुपता है सफर ना रुकता टूटता है । अविरत बस चलता है मोड़ सफर के बाशिंदो को कभी मिलता है कभी तकता है अंतहीन सफर बस चलता है।।।। (यह कविता "एक अंतहीन सफर" निशान फुमतिया द्वारा एक रेल यात्रा के दौरान जिंदगी के मायने समझते हुए लिखी गई है "आज फिर उदास पानी" किताब श्रृंखला की एक ओर यादगार कड़ी)

#कविता  सफ़र सफर ना रुकता है ना टूटता है।
अविरत अविराम बस चलता है
मोड़ सफर के बाशिंदो को 
कभी मिलता है कभी तकता है
अंतहीन सफर बस चलता है।।।।

रूह सुहानी भोली सी 
जा कलेजे टकराई।
थक कर आंसू टूट गए
आंख थकी ना कजराई।।
मोदक मिल गए बिन पानी के
राग रुकी ना बज पाई।
जान हथेली खिसक गई
अगन कभी ना बुझ पाई।।
कभी मिलता किसी मोड़ पर
तो रुक कर जरा पूछ पाता।
कभी दिखता कभी छुपता है 
सफर ना रुकता टूटता है ।
अविरत बस चलता है
मोड़ सफर के बाशिंदो को 
कभी मिलता है कभी तकता है
अंतहीन सफर बस चलता है।।।।

(यह कविता "एक अंतहीन सफर" निशान फुमतिया द्वारा एक रेल यात्रा के दौरान जिंदगी के मायने समझते हुए लिखी गई है
"आज फिर उदास पानी" किताब श्रृंखला की एक ओर यादगार कड़ी)

एक अंतहीन सफर तन्हा ज़िन्दगी @NAJIM Khan @Chief of Staff @Sugandha Kumari @Prabhakar Kumar

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sing a song with 5 years old gudiya (पीली पीली अखा)

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"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," कोई पढ़ ले जरा ख्वाब को बहने में वक़्त कितना लगता है।।।

 "पलकों के पीछे  कोई ख्वाब गहरा है," कोई पढ़ ले जरा
ख्वाब को बहने में वक़्त कितना लगता है।।।

अदृश्य ख्वाब

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रूह मेरे नवाब-ए-सख्स को देखने के लिए रूह कुरबान करनी होगी आपको गिरते झरने से नहाई आँखो को लहू के कतरे से सजानी होगी आपको इसके बावजूद भी एक सवाल होगा आपसे रूह देखी है कभी रूह को महसूस किया है...

#कविता  रूह मेरे नवाब-ए-सख्स को देखने के लिए
रूह कुरबान करनी होगी आपको 
गिरते झरने से नहाई आँखो को
लहू के कतरे से सजानी होगी आपको
इसके बावजूद भी एक सवाल होगा आपसे
रूह देखी है कभी रूह को महसूस किया है...

रूह देखी है कभी रूह को महसूस किया है @Shruti Deshraj Wadi @Prabhakar Kumar @Sugandha Kumari @Chief of Staff तन्हा ज़िन्दगी

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एक अनंत सच जिंदगी के शागिर्द चलता जा एक मोत तक रुक न जरा थक न जरा डर न जरा बस जिंदगी फूंकता जा एक इस सोच तक जिंदगी के शागिर्द चलता जा एक मोत तक।।।

#कविता #AfraidOfDeath  एक अनंत सच


जिंदगी के शागिर्द चलता जा एक मोत तक
रुक न जरा
थक न जरा
डर न जरा
बस जिंदगी फूंकता जा एक इस सोच तक
जिंदगी के शागिर्द चलता जा एक मोत तक।।।

#AfraidOfDeath एक अनंत सच

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