Shayar Priyankur Shukla

Shayar Priyankur Shukla Lives in Jabalpur, Madhya Pradesh, India

जुगनुओं की भीड़ में ,हम आफताब लेकर निकले। पागल थे जो ख़ुदग़र्ज़ ज़माने में, हम ख़्वाब लेकर निकले।

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बुद्धिजीवीओं को क्या करना हैं मूर्खों द्वारा बताया जा रहा है, ज्ञानी को अज्ञानी जताया जा रहा है।। औऱ यकीन मानिए जो पीड़ित दिख रहा है वही ज़ुल्मी हैं, असल पीड़ित को तो मुलज़िम दिखाया जा रहा हैं।। ©Shayar Priyankur Shukla

 बुद्धिजीवीओं को क्या करना हैं मूर्खों द्वारा बताया जा रहा है,
ज्ञानी को अज्ञानी जताया जा रहा है।।

औऱ यकीन मानिए जो पीड़ित दिख रहा है वही ज़ुल्मी हैं,
असल पीड़ित को तो मुलज़िम दिखाया जा रहा हैं।।

©Shayar Priyankur Shukla

बुद्धिजीवीओं को क्या करना हैं मूर्खों द्वारा बताया जा रहा है, ज्ञानी को अज्ञानी जताया जा रहा है।। औऱ यकीन मानिए जो पीड़ित दिख रहा है वही ज़ुल्मी हैं, असल पीड़ित को तो मुलज़िम दिखाया जा रहा हैं।। ©Shayar Priyankur Shukla

16 Love

#शायरी  रात भेजे हैं सुलह संदेश हमनें भी कुछ किरदारों को,
जैसे विपक्ष भेजे कुछ निवेदन नई नई सरकारों को।
चाहत यही कि बात बने तो सुकून सबको होगा,
वरना अबकी जला ही दूंगा इनके फर्जी दरबारों को।।

©Shayar Priyankur Shukla

रात भेजे हैं सुलह संदेश हमनें भी कुछ किरदारों को, जैसे विपक्ष भेजे कुछ निवेदन नई नई सरकारों को। चाहत यही कि बात बने तो सुकून सबको होगा, वरना अबकी जला ही दूंगा इनके फर्जी दरबारों को।। ©Shayar Priyankur Shukla

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 फितरत है कि वक़्त बदल जाता है।
गिरने वाला हर शख़्स संभल जाता है।।

दिल ओ दिमाग़ पर छा जाते है चेहरे कई,
फिर वो हर चेहरा दिल से उतर जाता है।।

©Shayar Priyankur Shukla

फितरत है कि वक़्त बदल जाता है। गिरने वाला हर शख़्स संभल जाता है।। दिल ओ दिमाग़ पर छा जाते है चेहरे कई, फिर वो हर चेहरा दिल से उतर जाता है।। ©Shayar Priyankur Shukla

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  वो पूंछते हैं शुक्ला जी तुम कहां गए,
तुमने तो कहा था तुम दुनिया पर छा गए।

उनसे कोई कहे घिस- घिस के हीरा भी कीमतदार नहीं होता,
कोई उन सब से कहे आदरणीय आप ही उसको खा गए।।

©Shayar Priyankur Shukla

वो पूंछते हैं शुक्ला जी तुम कहां गए, तुमने तो कहा था तुम दुनिया पर छा गए। उनसे कोई कहे घिस- घिस के हीरा भी कीमतदार नहीं होता, कोई उन सब से कहे आदरणीय आप ही उसको खा गए।। ©Shayar Priyankur Shukla

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आज छोड़ देते हैं...... किसी को खुद से ज्यादा चाहना, किसी को खुदा मानना, टूट जाना किसी के खातिर, फिर उसी से साथ मांगना... आज छोड़ देते हैं..... दोस्ती में जान देना, इश्क़ में ईमान देना। तबाह हो जाना दुसरो कि ख़ुशी के खातिर, या हर अपने की ख्वाहिश पर जान देना. आज छोड़ देते हैं..... खुद को तबाह करना, किसी पर खुद को फना करना, खुद को सोचकर जूती पैर की, किसी को अपना खुदा करना. आज छोड़ देते हैं..... ©Shayar Priyankur Shukla

 आज छोड़ देते हैं...... 

किसी को खुद से ज्यादा चाहना,
किसी को खुदा मानना,
टूट जाना किसी के खातिर,
फिर उसी से साथ मांगना...

आज छोड़ देते हैं.....

दोस्ती में जान देना,
इश्क़ में ईमान देना।
तबाह हो जाना दुसरो कि ख़ुशी के खातिर,
या हर अपने की ख्वाहिश पर जान देना.

आज छोड़ देते हैं.....

खुद को तबाह करना,
किसी पर खुद को फना करना,
खुद को सोचकर जूती पैर की,
किसी को अपना खुदा करना.

आज छोड़ देते हैं.....

©Shayar Priyankur Shukla

write up after long 4 years.❤️

12 Love

 जब भी महफ़िल ए बेवफा सजाई जाती हैं,
मुझ जैसी नाकाम शख्शियत ज़रूर बुलाई जाती हैं।

फिर मैं करता हूँ अपने दर्द की नुमाइश खुल ए आम,
फिर सर ए आम मेरी तकलीफ पर ताली बजाई जाती हैं।।

©Shayar Priyankur Shukla

Welcome you all to join me at Urdu Department, CCS University Meerut

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