कुछ अल्फाज़
चलो न वो पुरानी सी बात करते है
जिंदगी के खूबसूरत लम्हो को याद करते है
हँसने- हसाने की फिर बरसात करते है
वो जो मन मे उलझने बन गयी है उन्हे अब बेख्याल करते है
चलो न वो पुरानी सी बात करते है
अब जो ये कड़वाहट है उन्हे बरबाद करते है
वो जो व्हाट्सएप पे चैटियाते थे न चलो उन हरकतो को फिर आबाद करते है
ये जो बिजी होने का झूठ है न उस खुद के लिए बेनकाब करते है
चलो न वो पुरानी सी बात करते है...
नज़रंदाज़ कर के खुद को ही हराने का मतलब नही कोई,
इश्क़ है अगर तो छुपाने का मतलब नही कोई,
चलो न एक दूसरे को माफ करते है
एक बार फिर वो पुरानी सी बात करते है|||
Sun, 9 Aug
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here