DEEPIKA BELWAL

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hi mera naam Deepika hai mai mumbai mai rahti hu mai ek social worker hu mujhe kavitaye लिखना singing karna cooking karna drawing karna bahut aacha lagta hai

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कदम दो - चार कदम चलते थे। कभी आज वो पहिये से भागे जा रहे हैं। जो काम घंटों तक न होता आज वो सैकड़ों में करे जा रहें हैं। जो न सुनते थे। कभी लाख बुलाने पर भी आज वो वक्त से पहले उठे जा रहें हैं। जो बचते थे।कभी धुप-छाया से आज वे कांटों पे चलें जा रहें हैं। जो जिद्द करते थे कभी हर चीज पाने की आजे वे पाना भुल से गए है। जो कदम झुमते थे कभी गली -मोहल्ले , बाग-बगीचे आज वे थम से गए हैं। जो कदम सरारत से भरे थे कभी वे आज संस्कारी बन गए हैं। ये कदम ही तो हैं। जो मायके की दहलीज लाग कर आज ससुराल आ पहुंचे हैं। दीपिका बिट्टू ©DEEPIKA BELWAL

#hills  कदम


दो - चार कदम चलते थे। कभी आज वो पहिये से भागे जा रहे हैं।
जो काम घंटों तक न होता आज वो सैकड़ों में करे जा रहें हैं।
जो न सुनते थे। कभी लाख बुलाने पर भी आज वो वक्त से पहले उठे जा रहें हैं।
जो बचते थे।कभी  धुप-छाया से आज वे कांटों पे चलें जा रहें हैं।
जो जिद्द करते थे कभी  हर चीज पाने की  आजे वे पाना   भुल से गए है।
जो कदम झुमते  थे कभी गली -मोहल्ले , बाग-बगीचे आज वे थम से गए हैं।
जो कदम  सरारत से भरे थे कभी वे आज संस्कारी बन गए हैं।
ये कदम ही तो हैं। जो मायके की दहलीज लाग कर आज ससुराल आ पहुंचे हैं।


          दीपिका बिट्टू

©DEEPIKA BELWAL

कदम #hills

10 Love

Shahrukh on Zero Movie देख बंदर तक्कदीर मेरी आरयन खान का पपा हूं। खबर खबर हर नगर नगर हर एक जगह से निकला हूं। गुटखा छैनी बेच कर मेंने अरबों खरबों कमाई हैं बच्चे ने मेरी दौलत को धुंए में उडाई हैं‌। कितनी मेहनत करके मेंने हस्ती अपनी बनाने में पर बेटे ने पल भर में ही सौहरत पाली कस्ती में ©DEEPIKA BELWAL

#कॉमेडी  Shahrukh on Zero Movie देख बंदर तक्कदीर मेरी आरयन खान का पपा हूं। 
खबर खबर  हर नगर नगर हर एक जगह से निकला हूं। 
गुटखा छैनी  बेच कर मेंने अरबों खरबों कमाई हैं 
बच्चे ने मेरी दौलत को धुंए में उडाई हैं‌।
कितनी मेहनत करके मेंने हस्ती अपनी बनाने में
पर  बेटे   ने पल भर में ही सौहरत पाली कस्ती में

©DEEPIKA BELWAL

Shahrukh on Zero Movie देख बंदर तक्कदीर मेरी आरयन खान का पपा हूं। खबर खबर हर नगर नगर हर एक जगह से निकला हूं। गुटखा छैनी बेच कर मेंने अरबों खरबों कमाई हैं बच्चे ने मेरी दौलत को धुंए में उडाई हैं‌। कितनी मेहनत करके मेंने हस्ती अपनी बनाने में पर बेटे ने पल भर में ही सौहरत पाली कस्ती में ©DEEPIKA BELWAL

10 Love

ढूंढा तुझे हिमालय में और कई चट्टानों में नील गगन आकाश में और धरती पाताल में नदीयों को भी छान लिया सूरज से भी घाम लिया नक्षत्रों को भी परखा हैं ग्रह मंडलों में घुम लिया गीता ,कुरान,बाईबल सारी अपने अंदर घोली हैं। गुरु वाणी की हर एक वाणी भक्तजनों से बोली हैं। होली दीवाली ईद में मैनैं तोहफ़े बटवा देता हूं। चंद भीखारी भीखमंगों की झोलीयां भर देता हूं। खुशहाली के लिए ही मैने मात पिता को त्यागा हैं। पत्नी जी के हुकुम से उनको वृद्धा आश्रम डाला हैं। इतना करने से भी मुझको न शांति है न शुकुन है। रात कि नींद नहीं है। न भुख प्यास न चैन है। दीपिका बेलवाल उफ बिट्टू ©DEEPIKA BELWAL

#कविता #Butterfly  ढूंढा तुझे हिमालय में और कई चट्टानों में
नील गगन आकाश में और धरती पाताल में

नदीयों को भी  छान लिया सूरज से भी घाम लिया 
नक्षत्रों को भी परखा हैं  ग्रह मंडलों में घुम लिया

गीता ,कुरान,बाईबल  सारी अपने अंदर घोली हैं।
गुरु वाणी की हर एक वाणी भक्तजनों से बोली हैं।

होली दीवाली ईद में मैनैं तोहफ़े बटवा देता हूं।
चंद भीखारी भीखमंगों की झोलीयां भर देता हूं।

खुशहाली के लिए ही मैने मात पिता को त्यागा हैं।
पत्नी जी के हुकुम से उनको वृद्धा आश्रम डाला हैं।


इतना करने से भी मुझको न शांति है न शुकुन है।
रात कि नींद नहीं है। न भुख प्यास न चैन है।



   दीपिका बेलवाल उफ बिट्टू

©DEEPIKA BELWAL

#Butterfly

13 Love

मैं अकेली इस जीवन के पथ पर चलना मुझे अकेले हैं। सगा न कोई साथी है। अपना बस नाम का रिश्ता हैं। इस जग के रिश्तों से अच्छा आसमान का परिंदा हैं। जो उड़े भले ही उच्चे गगन पर पर नजरें जमीं पर रखता हैं। कद में छोटे रिश्तों को यहां व्यर्थ ही समझा जाता हैं। भरा पीटारा हो धन दौलत का तो परायों को भी अपनाया जाता हैं। दुर के ढोल सुहावने ये तो रिश्तों की ही व्याख्या है। कोरोना काल ने दो गज दूरी से यह हमें समझाया है। रिश्ते एक मोती की माला कच्चे धागे बांधी जाती है। सौहरत दौलत का दम न हो धागे मैं तो ऐ छिनद छिनद बिखर जाती हैं। धरती नापी जा सकती है लेकिन रिश्तों को नापना आशान नहीं व्यर्थ है इन रिश्तो में पढ़ना ये इन्सान हैं कोई भगवान नहीं ©DEEPIKA BELWAL

#Corona_Lockdown_Rush  मैं अकेली इस जीवन के पथ पर चलना मुझे अकेले हैं।
सगा न कोई साथी है। अपना बस नाम का रिश्ता हैं।
इस जग के रिश्तों से अच्छा आसमान का परिंदा हैं।
जो उड़े भले ही उच्चे गगन पर पर नजरें जमीं पर रखता हैं।
कद में छोटे रिश्तों को यहां व्यर्थ ही समझा जाता हैं।
भरा पीटारा हो धन दौलत का तो परायों को भी अपनाया जाता हैं।
दुर के ढोल सुहावने ये तो रिश्तों की ही व्याख्या है।
कोरोना काल ने दो गज दूरी से यह हमें समझाया है।
रिश्ते एक मोती की माला कच्चे धागे बांधी जाती है।
सौहरत दौलत का दम न हो धागे मैं तो ऐ छिनद छिनद बिखर जाती हैं।
धरती नापी जा सकती है लेकिन रिश्तों को नापना आशान नहीं 
व्यर्थ है इन रिश्तो में पढ़ना ये इन्सान हैं कोई भगवान नहीं

©DEEPIKA BELWAL

रिश्ते #Corona_Lockdown_Rush

11 Love

Masti bhi hai dhum bhi hai Aaj Sam 5 baje se holi ka rangarang karykaram ka shidha parsaran shide bittu ke ghar kalsiya (walmara)se Live छाई मतवालों की टोली आई आई होली आई ©DEEPIKA BELWAL

 Masti bhi  hai dhum bhi hai

Aaj Sam 5 baje se holi ka 
rangarang karykaram ka shidha
 parsaran shide bittu ke ghar kalsiya (walmara)se Live
छाई मतवालों की टोली
आई आई होली आई

©DEEPIKA BELWAL

holi hai

8 Love

#TheatreDay आज की जिंदगी social media सी फेक है। सामने से सब साफ और पीठ पीछे से सब मुखोटे में कैद हैं। ©DEEPIKA BELWAL

#theatreday  #TheatreDay आज की  जिंदगी social media सी फेक है। 
 

सामने से सब साफ और पीठ पीछे  से सब  मुखोटे में कैद हैं।

©DEEPIKA BELWAL

आज की जींदगी #theatreday

18 Love

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