ये क्या हो रहा है? मेरा देश सो रहा है?
अज़ाद होने के बाद भी आज़ादी के लिये रो रहा है।
एक नन्हा सा छोटु दो वक़्त की रोटी के लिये ,
चाय की कब्ब्शीया धो रहा है,
ये क्या हो रहा है? मेरा देश सो रहा है?
मेरे देश के दुशमन तो बहुत है,फरक नहीं पडता,
लेकिन मेरा देश अन्दर की दीमखो से खोख्ला हो रहा है,
ये देश धर्म निरपेक्ष ना होकर,
जातिवाद की राजनीति खेलने वालो के,
मायाजाल मे खो रहा है,
लोगो की फ़ितरत और उनका रंग,
नोटो की तरह बदल रहा है,
ये क्या हो रहा है? मेरा देश सो रहा है?
चंद रुपीये देने का क्या कह दिया एक नेता ने,
ये देश सारी दुनिया के सपने सँजो रहा है,
कैसा भँवर जाल है ये,
प्रक्रति ने तो उसको नी-स्वार्थ भावना से सब कुछ दिया है,
लेकिन वो प्रक्रति को स्वार्थ भावना से दे रहा है ,
ये क्या हो रहा है? मेरा देश सो रहा है?
आज का युवा इतनी महंगी शिक्षा पाने के बाद भी,
दर-दर भटकने पर ,
रोजगार के नाम पर, केवल समझोते कर रहा है ।
ये क्या हो रहा है? मेरा देश सो रहा है?
सरहद की रखवाली तो सैनिक कर रहे है,
लेकिन यहाँ नारी की रखवाली कौन कर रहा है,
क्या है, देश प्रेम ये सरहद पर खड़े जवान से पुछो,
लेकिन ये देश केवल उस प्रेम को, साल में दो बार ही याद कर रहा है।
बस यही हो रहा है, मेरा देश सो रहा हैं ।
आज़ाद होने के बाद भी आज़ादी के लिये रो रहा है ।
मेरा देश सो रहा है ।
Chayan joshi 📝🇮🇳
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