खुश हूँ दोस्ती मेरी भी मुकम्बल हो गई,,
ख़ुदा को आज कूबूल मेरी इबादत हो गई।।
Manshi Rajput...
4 Love
पल भर में तोड़ दिया वो रिश्ता,,
जो संभाल रखा था बचपन से हमने।।
झगड़ा हम पहले भी तो करते थे ,,
बातों ही बातों में एक दूसरे को चिढ़ाया भी करते थे।।
मगर फिर भी तो हर कदम साथ चला करते थे,,
एक दूसरे के लिये कुछ भी कर जाया करते थे।।
लेकिन अब अचानक यह ego , attitude कहाँ से आया,,
चुभ गया जो हमारे रिश्ते में गलतफेमी वाला यह कांटा कैसे आया।।
पल भर में तोड़ दिया वो रिश्ता,,
जो संभाल रखा था बचपन से हमने।।
झगड़ा हम पहले भी तो करते थे ,,
बातों ही बातों में एक दूसरे को चिढ़ाया भी करते थे।।
मगर फिर भी तो हर कदम साथ चला करते थे,,
एक दूसरे के लिये कुछ भी कर जाया करते थे।।
लेकिन अब अचानक यह ego , attitude कहाँ से आया,,
चुभ गया जो हमारे रिश्ते में गलतफेमी वाला यह कांटा कैसे आया।।
13 Love
गुजरा बचपन साथ हमारा हमसफ़र थे हम दोनों,,
सिर्फ एक दूसरी की खुशियों में नही दर्द के भी तो हकदार थे हम।।
जान बसती थी मेरी तुझमे,,
तू भी तो अपने दिल का टुकड़ा कहती थी ।।
वार रखी थी तुझपर सारी खुशियाँ,,
तूने भी तो मेरे हर गम को अपनाया था।।
फिर हुई ऐसी भी क्या खता ,,
जो भूल गई सारे वादे।।
गुजरा बचपन साथ हमारा हमसफ़र थे हम दोनों,,
सिर्फ एक दूसरी की खुशियों में नही दर्द के भी तो हकदार थे हम।।
जान बसती थी मेरी तुझमे,,
तू भी तो अपने दिल का टुकड़ा कहती थी ।।
वार रखी थी तुझपर सारी खुशियाँ,,
तूने भी तो मेरे हर गम को अपनाया था।।
फिर हुई ऐसी भी क्या खता ,,
जो भूल गई सारे वादे।।
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