खिलते चेहरे हैं उसके ख़्वाबों में शामिल हर पल,
वो अपने हर सलीके में अपने पापा की बेटी है,
पिटारा वो खुशियों का, रौनक वो घरौंदे की मेरे,
आई है वो जब से, बनी इक पहचान वो मेरी है,
इंसाफ़ नहीं उससे कि मैं तब से दूर हूँ अब तक,
लेकिन इस सफ़र की, दास्तान अभी अधूरी है,
देखो,आज कुछ माँग लूँगा नसीब से,मैं मिलकर,
रोशनी वही है, वक़्त पर सबेरा वही तो लाती है,
जन्मदिन है,आज मेरी बिटिया बड़ा मुस्कुराती है।
#Happy_Birthday_Deedivi
©Rakesh Lalit
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