अक्सर ध्यान और फिकर हम एक ही समझ लेते हैं।।
फ़र्क है बहुत इसमे ,जरा ये भी देख लेते हैं।
ध्यान बहुत आसान है किसी पे देना......
क्युकी ध्यान तो अक्सर हम चीजों का भी कर लेते हैं ।।
फिकर उतनी ही मुश्किल ......
क्युकी वो बस हम किसी खास की ही कर लेते है।।
ये अंतर समझना आसान नहीं ।
चलो जरा सीधे लफ़्ज़ों में , बात कर लेते हैं ।।
ध्यान तो हम दिमाग से सोच के भी कर लेते है ।
फिकर तो बस दिल से ही हो जाती है🤭🤭🤭 ।
एक हम करते है और बस हो जाती है
इस बात को जरा ठीक से समझ लेते हैं।।
दिल और दिमाग का ये भेद है फिकर दिल से बस हो जाती है और ध्यान हम दिमाग का हिसाब से भी कर लेते हैं।।
©Jyotsna panchbhaiya
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