Naveen Pal Insan

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मोहब्बत का पुजारी एक मुसाफिर हूं मैं, खुद के ही ख्वाबों का एक कातिल हूं मैं, नहीं जानता दुनिया मेरे बारे में क्या कहती है, खुद की मंजिल, खुद का ही साहिल हूं मैं Please Follow me on Nojoto for more Shayari, Poetry, Story. You can subscribe me on YouTube. You Tube channel name is Naveen Writer.

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दिल से खेलना अच्छा नही होता, दिल से खेलने वाला सदा रोता, दिल तो दिल ही होता है नवीन, दिल ही तो है जिसमे खुदा का वास होता। ©Naveen Pal Insan

#शायरी #toyheart  दिल से खेलना अच्छा नही होता, 
दिल से खेलने वाला सदा रोता, 
दिल तो दिल ही होता है नवीन,
दिल ही तो है जिसमे खुदा का वास होता।

©Naveen Pal Insan

#toyheart Pooja Udeshi Irfan Irasna Geeta Modi Neeraj Upadhyay 9548637485 Shristi Yadav

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#अनुभव #BeautifulMemory  Sweet Memories.

जिधर नजर आए प्रकाश उधर बहलता है, अंधेरी गलियों में मन छलिया कहां ठहरता है, एक जगह ठहरे मन जिसका वह खुशनसीब होते हैं, अकेला रहने वाला व्यक्ति हमेशा चाहकता है

#शायरी #shadesoflife  जिधर नजर आए प्रकाश उधर बहलता है,
अंधेरी गलियों में मन छलिया कहां ठहरता है,

एक जगह ठहरे मन जिसका वह खुशनसीब होते हैं,
अकेला रहने वाला व्यक्ति  हमेशा चाहकता है
#शायरी

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नल के आंसू भरी दुपहरी में प्यास के कारण मैं नल से लेकर पानी पीने लगा। पानी बहुत ज्यादा खारा था। मैंने नल से पूछा भाई क्या बात आज इतना खाना पानी क्यों दे रहे हो। क्या कोई परेशानी तो नहीं तुम्हें। नल ने कहा मेरी परेशानी को सुनता ही कौन है। मैंने कहा अरे मैं हूं ना यार मेरे को बता क्या समस्या है तेरी, कहीं नीचे तेरी पाइप में कोई लिकीज तो नहीं, या तेरी वाल तो खराब नहीं हो गयी। नल ने गुस्से और वेदना के साथ कहां, मैं तो चिल्लाता रहा मत पानी बर्बाद करो लेकिन तुम......, तुम कहां मेरी सुनने वाले थे, मेरे पानी को अंधाधुन और अनावश्यक बहाते गए। पानी तो मेरे पास है नहीं, ये आंसू बचे है, इनसे प्यास बुझाओ या बर्बाद करो वह तुम्हारी मर्जी। लेखक - नवीन पाल इन्सां naveenjiwriter@gmail.com 9813149074

#नल_के_आंसू #कहानी  नल के आंसू

भरी दुपहरी में प्यास के कारण मैं नल से लेकर पानी पीने लगा।  पानी बहुत ज्यादा खारा था।  मैंने नल से पूछा भाई क्या बात आज इतना खाना पानी क्यों दे रहे हो। क्या कोई परेशानी तो नहीं तुम्हें। नल ने कहा मेरी परेशानी को सुनता ही कौन है। मैंने कहा अरे मैं हूं ना यार मेरे को बता क्या  समस्या है तेरी, कहीं नीचे तेरी पाइप में कोई लिकीज तो नहीं,  या तेरी वाल तो खराब नहीं हो गयी।
नल ने गुस्से और वेदना के साथ कहां, मैं तो चिल्लाता रहा मत पानी बर्बाद करो लेकिन तुम......, तुम कहां मेरी सुनने वाले थे, मेरे पानी को अंधाधुन और अनावश्यक बहाते गए। पानी तो मेरे पास है नहीं, ये आंसू बचे है, इनसे प्यास बुझाओ या बर्बाद करो वह तुम्हारी मर्जी।
लेखक - नवीन पाल इन्सां
naveenjiwriter@gmail.com
9813149074

मुझे कहने दो मै और चुप रह नही सकता मुझे बेबाक कहने दो,  मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो, अगर मैं निकलू घर से तो दुनिया मुझे बदनाम करती है, किसी से अगर बोलू तो ये उससे सवाल करती है,  छुपा कर लाख कर्म अपने ये खुदको साध समझती है,  मुझे चाहती है ये जानना खुद से अन्जान रहती है,  जगी जो ख्वाईशे दिलमें उन्हे तुम आजाद रहने दो,  मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो, मै हसता हूं तो इनको बडी तकलीफ होती है।  मुझे रोता देखकर ये चैन की नीद सोती है।  मै चुप होता हू तो ये मेरी दुखती रग टोहती है, दुखा कर रग ये अन्दर से बडी ही खुश होती है,  मेरे हर दर्द को मुझको तुम खुद ही सहने दो, मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो, मेरे हर काम से इनको बडी तकलीफ होती है,  उसकी कमियो की इनके पास लम्बी लिस्ट होती है,  करे गर खुद ये उसको तो गुणो की खान होती है, इनकी ही नहीं उसमे गावँ की शान होती है,  मै और चुप रह नही सकता मुझे बेबाक कहने दो,  मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो, चलो माना के बहुतसी कमीया मुझमे है,  जो संस्कार मुझे मिले क्या वो तुममे है,  नही तो तुम मुझे मेरे हाल पर खुशहाल रहने दो,  नयी सुबह मे नवीन विचार को साथ रहने दो,  दफन जो राज है दिल में उन्हे तुम राज रहने दो,  मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो, लेखक - नवीन पाल इन्सां

#मुझे_कहने_दो #कविता #Fire  मुझे कहने दो

मै और चुप रह नही सकता मुझे बेबाक कहने दो, 
मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो,

अगर मैं निकलू घर से तो दुनिया मुझे बदनाम करती है,
किसी से अगर बोलू तो ये उससे सवाल करती है, 

छुपा कर लाख कर्म अपने ये खुदको साध समझती है, 
मुझे चाहती है ये जानना खुद से अन्जान रहती है, 

जगी जो ख्वाईशे दिलमें उन्हे तुम आजाद रहने दो, 
मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो,

मै हसता हूं तो इनको बडी तकलीफ होती है। 
मुझे रोता देखकर ये चैन की नीद सोती है। 

मै चुप होता हू तो ये मेरी दुखती रग टोहती है,
दुखा कर रग ये अन्दर से बडी ही खुश होती है, 

मेरे हर दर्द को मुझको तुम खुद ही सहने दो,
मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो,

मेरे हर काम से इनको बडी तकलीफ होती है, 
उसकी कमियो की इनके पास लम्बी लिस्ट होती है, 

करे गर खुद ये उसको तो गुणो की खान होती है,
इनकी ही नहीं उसमे गावँ की शान होती है, 

मै और चुप रह नही सकता मुझे बेबाक कहने दो, 
मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो,

चलो माना के बहुतसी कमीया मुझमे है, 
जो संस्कार मुझे मिले क्या वो तुममे है, 

नही तो तुम मुझे मेरे हाल पर खुशहाल रहने दो, 
नयी सुबह मे नवीन विचार को साथ रहने दो, 

दफन जो राज है दिल में उन्हे तुम राज रहने दो, 
मैं इन्सां हूं मुझे तुम मेरी प्रत्येक बात कहने दो,

लेखक - नवीन पाल इन्सां

#Fire #मुझे_कहने_दो RAPPER JAGSIR SINGH DEVENDRA KUMAR (देवेंद्र कुमार) 🙏 @MONIKA SINGH @Anuj Yadav @Kasim Ansari

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