SWARNIMA BAJPAI

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elegant lady who believes in simple living n high thinking....

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प्लास्टिक हटाओ, सरकार चाहे तो एक झटके में प्लास्टिक का उत्पादन बंद कर सकती है, जैसे नोट बंद कर दिए थे और जबतक उत्पादन बंद नहीं होगा, तबतक देश से प्लास्टिक कैसे हटेगी?? उत्पादन बंद कर दो, जनता प्लास्टिक का उपयोग कुछ दिन बाद अपने आप बंद कर देगी। ©SWARNIMA BAJPAI

#Noplastic  प्लास्टिक हटाओ,  सरकार चाहे तो एक झटके में प्लास्टिक का उत्पादन बंद कर सकती है, जैसे नोट बंद कर दिए थे 
और जबतक उत्पादन बंद नहीं होगा,
  तबतक देश  से प्लास्टिक कैसे हटेगी??
उत्पादन बंद कर दो,
जनता प्लास्टिक का उपयोग कुछ दिन बाद अपने आप बंद कर देगी।

©SWARNIMA BAJPAI

#Noplastic

26 Love

College में जनवरी की ठंड में, मैं, तुम और कैंटीन की चाय को Miss करती हूं मैं। तुम्हें देख के, natural आने वाली मेरी smile और तुम्हारे hi को Miss करती हूं मैं। "अच्छा ठीक है फिर मिलते है हम" तुम्हारे इस तरह के bye को Miss करती हूं मैं। पढ़ते पढ़ते अचानक Chat करने लगना, वो मेरे msgs, फिर तुम्हारे reply को Miss करती हूं मैं। ©SWARNIMA BAJPAI

#मैं #OneSeason  College में जनवरी की ठंड में,
मैं, तुम और कैंटीन की चाय को
Miss करती हूं मैं।

तुम्हें देख के, natural आने वाली 
मेरी smile और तुम्हारे hi को
Miss करती हूं मैं।

"अच्छा ठीक है फिर मिलते है हम"
तुम्हारे इस तरह के bye को
Miss करती हूं मैं।

पढ़ते पढ़ते अचानक Chat करने लगना,
वो मेरे msgs, फिर तुम्हारे reply को
Miss करती हूं मैं।

©SWARNIMA BAJPAI

#OneSeason #मैं तुम और कैंटीन की चाय

30 Love

डॉक्टर्स ये सच है कि, आप लोगों की जान बचाते हो, पर ये भी सच है,आजकल कुछ डॉक्टर्स ने हॉस्पिटल की आड़ में बिजनेस खोल रखा है और आम इंसान की जान तक का सौदा कर देते है। इसलिए एक प्रार्थना है, आपलोग पेशेंट को इंसान समझिए, customer नहीं। धन्यवाद!! ©SWARNIMA BAJPAI

#DearDoctors  डॉक्टर्स ये सच है कि,
 आप लोगों की जान बचाते हो, 
पर ये भी सच है,आजकल 
कुछ डॉक्टर्स ने हॉस्पिटल की आड़ में बिजनेस खोल रखा है और आम इंसान की जान तक का सौदा कर देते है। 
इसलिए एक प्रार्थना है,
 आपलोग पेशेंट को इंसान समझिए, customer नहीं।

धन्यवाद!!

©SWARNIMA BAJPAI

#DearDoctors

28 Love

अगर धूप में तपन ना होती, तो छांव की कदर कौन करता, उदासी सी दबी थी दिल में, नहीं तो यूं जाग कर शाम से सहर कौन करता । कुछ तो कसक बाकी होगी रिश्ते में, नहीं तो अब तक तेरा इंतजार हर पहर कौन करता। नज़रअंदाज होकर भी ढूंढती थी नज़र तुझे, यूंही समा में तेरी तरफ नजर कौन करता । कोई दोस्त नहीं था बीच में इसलिए खुद आना पड़ा, तू अब भी है मुझमें ज़िंदा, तुझे ये खबर कौन करता। ©SWARNIMA BAJPAI

#Twowords  अगर धूप में तपन ना होती, 
तो छांव की कदर कौन करता,

उदासी सी दबी थी दिल में, नहीं तो
 यूं जाग कर शाम से सहर कौन करता ।

कुछ तो कसक बाकी होगी रिश्ते में, नहीं तो
अब तक तेरा इंतजार हर पहर कौन करता।

नज़रअंदाज होकर भी ढूंढती थी नज़र तुझे, 
यूंही समा में तेरी तरफ नजर कौन करता ।

कोई दोस्त नहीं था बीच में इसलिए खुद आना पड़ा, 
तू अब भी है मुझमें ज़िंदा, तुझे ये खबर कौन करता।

©SWARNIMA BAJPAI

#Twowords

28 Love

उसका इश्क भी धूप–छांव सा है यारों, वो ज्यादा देर तक, मुझसे बात करे तो सुकून लगता है, और किसी और से बात करे, तो जलन होने लगती है।💞 ©SWARNIMA BAJPAI

#Twowords  उसका इश्क भी धूप–छांव सा है यारों,
वो ज्यादा देर तक,
मुझसे बात करे तो सुकून लगता है,
और किसी और से बात करे,
तो जलन होने लगती है।💞

©SWARNIMA BAJPAI

#Twowords

25 Love

धीरे–धीरे मोहन की मुरली, मेरे मन को मोहत है, मंद–मंद मुस्कान अधर पे,मस्तक पे मोरपंख जो सोहत है। ना बनना चाहूं राधा–मीरा, ना नृत्य करन की चाहत है, बनू यशोदा माई श्याम की, जब कृष्ण बाल्य में होवत है। खो जाऊं मैं पग घुंघरू में, जो छम–छम करके बाजत है, मुंह में माखन, घुंघराली अलकें औ नयनो में भरी शरारत है। गोदी लेके प्रेम करू मैं, जब कान्हा खेल में रोवत है, जी भर के देखू नटखट को, जब भी झूले में सोवत है। ©SWARNIMA BAJPAI

#वात्सल्य_रस #Twowords  धीरे–धीरे मोहन की मुरली, मेरे मन को मोहत है,
मंद–मंद मुस्कान अधर पे,मस्तक पे मोरपंख जो सोहत है।

ना बनना चाहूं राधा–मीरा, ना नृत्य करन की चाहत है,
बनू यशोदा माई श्याम की, जब कृष्ण बाल्य में होवत है। 

खो जाऊं मैं पग घुंघरू में, जो छम–छम करके बाजत है,
मुंह में माखन, घुंघराली अलकें औ नयनो में भरी शरारत है।

गोदी लेके प्रेम करू मैं, जब कान्हा खेल में रोवत है,
जी भर के देखू नटखट को, जब भी झूले में सोवत है।

©SWARNIMA BAJPAI
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