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Pen Name - Shahism - શાહિસમ Insta ID - Shahism.2506
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हाँ सच में तुज पर बिंदी आज बहोत जँच रही थी तुमको ही तो देख कर ये ज़िंदगी कट रही थी यू आँखो से वात मत किया करो तुम्हारी ये अदाए हमारी जान ले रही थी ना जाने कब खतम होगी दीवानगी तेरी हर जलक पे तेरी हमें नयी ज़िंदगी मिल रही थी कई बार सोचा कि बता दे इस दिल की बात को पर क्या करे तेरी इस बिंदी को देख कर ज़ुबान रुक रही थी ©SHAHiSM
SHAHiSM
12 Love
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अंधकार को लब्ज़ो की ज़रूरत नहीं होती। तन्हाई को किसिकी एहसास की ज़रूरत नहीं होती॥ लोगों की तो फ़ितरत ही होती है क़त्ले इस्क करने की। मोहब्बत की दरकार कभी काफिरों को नहीं होती॥ ©SHAHiSM
15 Love
मोहब्बत के मारो से क्या अल्फ़ाज़ पूछते हो। प्यार के प्यासों से क्या तहेजिबे ईस्क पूछते हो ॥ वो तो वेसे ही लबसो की जाल में फँसे रहेते है। दिलजलो से क्या तरकीबें दिल्लगी पूछते हो॥ - ©SHAHiSM
17 Love
नहीं कोई लगा अपनासा जिसे हम दिल लगा सके। नहीं लगा कोई प्यारा जिसे दिल में बसा सके।। कभी किसिने नहीं पुकारा हमें प्यार से। इस लिए होंठों पे कभी प्यार के नग़मे हम सजा ना सके।। ©SHAHiSM
13 Love
कही राज दिल में दबा कर बेठे हे। प्यार हमारा दिल में दबा कर बेठे हे॥ बात होठो से निकल ना जाए ये डरते है। क्योंकि अपनी क़िस्मत को खुद ही अपने पैरो से रोंद कर बेठे हे॥ ©SHAHiSM
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