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मन
पहले बिन दुआ ही मैं इश्क़ जीती फिर दुआ कर कर भी इश्क़ हारी जब तुम यूँ मिले तो मैं इश्क़ जीती जब-जब ना मिले तो मैं इश्क़ हारी यूँ करके मैं इश्क़ जीती कई बारी फिर शायद इश्क हारी कई बारी मैंने मन्नतों में कई मन्नतें पुकारी मैंने दुआ मांगी फिर बारी-बारी फिर दुआओं मैंने ज़िंदगी गुजारी कभी इश्क़ जीती कभी इश्क़ हारी ©Suman kothari
Suman kothari
14 Love
उलझनों को सुलझाने में जिंदगी निकल गयी है अब गिरते पड़ते ही सही पर आखिर में संभल गयी है अब दिन जवानी के थे तो बदलना तय था ज़िंदगी का भी मैं जैसी थी वैसी ही रही पर ज़िंदगी बदल गयी है अब ©Suman kothari
13 Love
एक दिन जानोगे तुम भी ये कि मुझे खोकर तुमने क्या खोया है मेरी जान एक दिन तुम्हें अभी तक दुख न होने का भी बहुत दुख होगा! ©Suman kothari
15 Love
जो गलतफहमी में है उन्हें गलतफहमी में रखना था सो वरना मैं हर एक बात का जवाब दे सकती थी जिस पर मैं चुप रही ©Suman kothari
12 Love
जो कुछ लोग गलतफहमी में है उन्हें गलतफहमी में रखना था सो वरना मैं हर सब बात का जवाब दे सकती थी जिस पर मैं खामोशी से चुप रही ©Suman kothari
11 Love
तुम्हारा ये इंतज़ार भी खूबसूरत है मेरे लिए तुम कभी मिलो तुम कहीं मिलो तुम कभी सही तुम कहीं सही ©Suman kothari
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