||सब माया है|| -------------------------------- हमन है इश्क मस्ताना हमन को होशियारी क्या । रहें आज़ाद या जग से ,हमन दुनियाँ से यारी क्या ।। जो बिछड़े है पियारे से भटकते दर बदर फिरते । हमारा यार है हम में हमन को इंतजारी क्या ।। न पल बिछड़े पिया हम से न हम बिछड़े पियारे से । उन्ही से नेह लागी है हमन को बेकरारी क्या ।। कबीरा इश्क की माता दुई को दूर कर दिल से । जो चलना राह नाजुक है हमन सर बोझ भारी क्या ।। कबीर(1440-1518)
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