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मैं परिंदा क्यूँ बनूँ मुझे आसमान बनना है
https://youtube.com/@tulsijeetendramalam
यादों के बक्से में भरे पड़े है तेरे मेरे किस्से जितनी बार भी खोलूं मुझे वो पहले सी याद नहीं आती ©Tulsi Malam
Tulsi Malam
13 Love
अकेली कहाँ, मेरी परछाई मेरे संग है, बुलंद होंसलों की बुनियाद अंदर है अकेली कहाँ, मेरा खुद का आत्माविश्वास मेरे संग है दुनिया की भीड़ में काबिलियत मेरे अंदर है ©Tulsi Malam
17 Love
आज धूप ने मेरी आँखें खोल दी जिस धूप से हमेशा आँखें चुराते थे उस छाँव की असलियत दिखा दी जिस छाँव को में इतना प्यार करते थे... ©Tulsi Malam
सर्दी की धूप हो तुम गर्मी की छाँव हो तुम बारिश की बूंदें हो तुम कुछ भी कहो पर मेरी जान हो तुम ©Tulsi Malam
15 Love
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