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मैं लिखकर दास्तां-ऐ-दिल, दिल का, दिल से दिदार करती हूँ, कुछ अच्छा न लगे तो माफ करना, क्योंकि मैं भी गलतियां करती हूँ।
लड़ना है इन वादियों से, जो मुझमें हैं क्या करना है उन खामियों से, जिंदगी है बस दो पल मुझे तो बस जीना है बे-ख्यालियों से। (ak)
Ankita Rani
9 Love
क्या करूँ मैं अब अपने शहर की charchaye... की एक ओर आग लगी है और दूसरी ओर sannata है ... (कोरोना का आतंक)
8 Love
महफूज़ समझती थी मैं ख़ुदको जिसकी बाहों में, नुमाइश करदी उसी ने मेरी, भरे पूरे बाज़ार में। (@$)
11 Love
मैं तो बस ख़ामोश थी पर उसने तो ख़ामोशी से दिल ही लगा लिया जरा सी बात दिल पे क्या लगी उसने तो मुझे चंद पलों मैं ही भूला दिया .. (@$)
3 Love
वो बोला मुझसे तुम छोड़ दो मुझे मेरे वास्ते क्योंकि मालूम था उसे उसको छोड़ सकती हूँ मैं सिर्फ एक उसी के वास्ते (@$)
4 Love
बड़ी अजीब बात है मेरी नजरें उस पर है जो नजरों से बहुत दूर है (@$)
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