Mayank Kumar 'Aftaab'

Mayank Kumar 'Aftaab'

Mayank Kumar is an Indian Hindi-Urdu author and story writer. who is also known by his surname 'Aftaab' . In a few days one of his books is going to be published from India's famous book publisher Books Clinic Publication , India.

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दुश्मन दौड़ता है मारने को तो हिफ़ाजत क्यों नहीं करता , गिर रहा है तेरा मकान तो फिर ईमारत क्यों नहीं करता । तुझे जान से मार देगी ये तंगदस्ती किसी रोज़ अचानक , तो फिर ख़ुद के जिंदा रहते ही रियाज़त क्यों नहीं करता...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' ©Mayank Kumar 'Aftaab'

#wordsofwisdom #quoteoftheday #quotestagram #yourquote #wordporn  दुश्मन दौड़ता है मारने को तो हिफ़ाजत क्यों नहीं करता ,
गिर रहा है तेरा मकान तो फिर  ईमारत क्यों नहीं करता ।
तुझे जान से मार देगी  ये तंगदस्ती  किसी रोज़ अचानक ,
तो फिर ख़ुद के जिंदा रहते ही रियाज़त क्यों नहीं करता...!!

―©मयंक कुमार 'आफ़ताब'

©Mayank Kumar 'Aftaab'

दुश्मन दौड़ता है मारने को तो हिफ़ाजत क्यों नहीं करता , गिर रहा है तेरा मकान तो फिर ईमारत क्यों नहीं करता । तुझे जान से मार देगी ये तंगदस्ती किसी रोज़ अचानक , तो फिर ख़ुद के जिंदा रहते ही रियाज़त क्यों नहीं करता...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #Quote #Stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom

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क्यों न अब ये रात रंगीन की जाए , चलो जलती मोमबत्ती बुझा दी जाए...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' ©Mayank Kumar 'Aftaab'

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चलो जलती मोमबत्ती बुझा दी जाए...!!

―©मयंक कुमार 'आफ़ताब'

©Mayank Kumar 'Aftaab'

क्यों न अब ये रात रंगीन की जाए , चलो जलती मोमबत्ती बुझा दी जाए...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #Quote #Stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom

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देखना नहीं चाहता मेरी थोड़ी–सी तरक्की भी , मेरा दोस्त आज मित्रता दिवस की शुभकामनाएं दे रहा है..!! ©Mayank Kumar 'Aftaab'

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मेरा दोस्त आज मित्रता दिवस की शुभकामनाएं दे रहा है..!!

©Mayank Kumar 'Aftaab'

#Light देखना नहीं चाहता मेरी थोड़ी–सी तरक्की भी , मेरा दोस्त आज मित्रता दिवस की शुभकामनाएं दे रहा है..!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #Quote #Stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag

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अब दुपट्टा किसी कन्धे पर नज़र नहीं आ रहा , अफ़वाह फैली है कि ज़माने की नीयत ख़राब है...!! ©Mayank Kumar 'Aftaab'

#WalkingInWoods #Must_React #must_read  अब  दुपट्टा  किसी कन्धे पर  नज़र  नहीं आ रहा ,
अफ़वाह फैली है  कि ज़माने की नीयत ख़राब है...!!

©Mayank Kumar 'Aftaab'

अब दुपट्टा किसी कन्धे पर नज़र नहीं आ रहा , अफ़वाह फैली है कि ज़माने की नीयत ख़राब है...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' #must_read , #Must_React...!! #WalkingInWoods

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कतराते हैं अपने ही लोग मुझसे , मेरी असली हैसियत जानकर । मेहमान भी कभी घर नहीं आते , शायद खपड़े की छत देखकर ।। बोझ लिए फिरता हूँ दर्द , हमेशा दूसरों से बच-बचाकर । करता नहीं कोई मुझसे दोस्ती , मुझे झोपड़ी वाला बताकर ।। तारीफ़ करतें हैं मेरे ही पड़ोसी , मुंह में राम बगल में छूरी रखकर । चुगली करते हैं मेरे ही रिश्तेदार , इस शख्स की गरीबी देखकर ।। रोता रहता हूं अक्सर भीतर से , हंसने वाली दोहरी नकाब पहनकर । ज़रा भी जाहिर नहीं होने देता दर्द , ज़माने की आंखो में धूल झोंककर ।। ©Mayank Kumar 'Aftaab'

#fog  कतराते हैं अपने ही लोग मुझसे , 
मेरी असली  हैसियत  जानकर ।
मेहमान भी कभी घर नहीं आते ,
शायद  खपड़े की  छत देखकर ।।

बोझ  लिए  फिरता   हूँ  दर्द  ,
हमेशा दूसरों से  बच-बचाकर ।
करता नहीं कोई मुझसे दोस्ती ,
मुझे  झोपड़ी  वाला  बताकर ।।

तारीफ़  करतें  हैं मेरे ही पड़ोसी ,
मुंह में राम बगल में छूरी रखकर ।
चुगली करते हैं मेरे ही रिश्तेदार ,
इस शख्स  की  गरीबी  देखकर ।।

रोता रहता हूं अक्सर भीतर से ,
हंसने वाली दोहरी नकाब पहनकर ।
ज़रा भी जाहिर नहीं होने देता दर्द ,
ज़माने की आंखो में धूल झोंककर ।।

©Mayank Kumar 'Aftaab'

कतराते हैं अपने ही लोग मुझसे , मेरी असली हैसियत जानकर । मेहमान भी कभी घर नहीं आते , शायद खपड़े की छत देखकर ।। बोझ लिए फिरता हूँ दर्द , हमेशा दूसरों से बच-बचाकर । करता नहीं कोई मुझसे दोस्ती ,

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#सुपुर्द #pyaarimaa

#सुपुर्द-ए-ख़ाक मेरी लाश रखी है मेरे घर के आंगन में ; ख़ामोशी का आलम है घर की गलियों में , खड़े हैं अपने ही लोग मुझे सजाने को ; देखते थे जो कल तक तिरछी निगाहों से । पूरी तैयारी के साथ जुटे हैं मेरे रिश्तेदार ;

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