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उदास हुँ,मगर बेबाक हुँ,सीधी बात करता हुँ। छोटा हुँ, मगर कड़क हुँ,सबसे तालमेल रखता हुँ।
तू लौट के आ,मेरी तन्हाई देख, मैं कितना बैचैन हूं तुम्हारे लिए पायल,झुमके,घड़ी,कंगन मैं सब खरीद लाया हूं तुम्हारे लिए एक तस्वीर को तुम्हारी सीने में दफ़न करके मैं ये जिंदगी मिटा भी सकता हूं तुम्हारे लिए विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA
AWARA PARINDA
13 Love
तेरे साथ गुजारे हुए हर लम्हे की कसम मैने तुझे कभी पाने की ख्वाइश नही की विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA
11 Love
मुझे खुद को इस दुनिया से काट लेना है खुद को अनगिनत हिस्सो मे बांट लेना है करनी है तुरपाई फिर अपने जख्मों की और फिर हरे जख्मों पर नमक डाल देना है विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA
हमे मुस्कुराता देखेगा तो,खिलखिला कर हस पड़ेगा अगर गमजदा देखेगा तो, फूट फूट कर रो पड़ेगा हमने उस शख्स को,जिसे अपना दोस्त कहा है हमे कभी तन्हा देखेगा तो,सारे जमाने से लड़ पड़ेगा विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA
उसे देखकर भी हाथ हिलाना पड़ा मुझे जिसने हमे देखकर अपना रस्ता बदल लिया विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA
14 Love
मिटा रहा हुं उसकी भेजी हुई सभी निशानियां कि इसके बाद मेरा होश ठिकाने पे आ जायेगा उसकी एक तस्वीर कील से गड़ी हुई है मेरे सीने में तस्वीर जल जायेगी मगर निशान नही जायेगा विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA
12 Love
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