हे मेरे भोले भंडारी
तेरी मोहिनी सूरत लगे है प्यारी
तू सुख कर्ता तू दुखःहर्ता
तेरी हर महिमा है न्यारी
अपार शक्ति जगत उजाला
हे परमात्मा तेरा खेल निराला
ना मोह भली है ना है माया
जब से मैंने तेरा ध्यान लगाया
रूप तेरा गजब है भाया
जब से तुझसे नयन लड़ाया
छोड. दी सब प्रीत रे भाया
जब से भोले ने दरस दिखाया
हर दिन भी उसका रात भी उसकी
मैं तो करती बस बात हू उसकी
इश्क़ किया उसकी नजरों से
तब से भोले तन-मन मे समाया
लाख भक्त भले शरण तुम्हारी
तुमसे ये बिनती है हमारी
सुनना अरज हर वक़्त हमारी
हे मेरे भोले भंडारी.
(ॐ नमः शिवाय )🙏
जुबा क्या खुली....
लफ़्ज़ तितर बितर होने लगे
मानो उन्हें पंख जो मिल गये
कोई राह ना कोई वक़्त देख रहे हैं
बस आज़ाद एक तख्त देख रहे हैं
अजीब रंगों का शहर हैं
ये तो बस अब खुली लगाम का कहर हैं
मानो हर रोज की कहानी को आज सुना ही डालेंगे
जेसे लगा था कबसे जुबा पर ताला
आज लगी चाबी तो सारे राज़ बता ही डालेंगे
कब से ठहरे किसी रास्ते पर थे
आज मिली आज़ादी तो अपने रंग दिखा ही डालेंगे
अब तो जुबा क्या खुली
बस सारे राज़ बता ही डालेंगे.
अब तो जुबा क्या खुली
बस सारे राज़ बता ही डालेंगे....#DP
5 Love
लगता हैं मोसम आज बेईमानी सा कर रहा हैं
अजीब सी शेतानी सी कर रहा हैं
हम कह रहे हैं यूँ इस कदर हमारी जुल्फ़ो को ना घेरो
फ़िर भी बाज़ अपनी आदतो से नही आ रहा हैं
ये मोसम भी ना बडा अजीब हैं
बार बार रुख अपना बदल हमसे जल रहा हैं
कह रहे हैं हम उनसे ऐसे हमे ना छेडो
फ़िर भी जालिम हमसे अकड़ रहा हैं
ये मोसम भी ना बडी शेतानी सा कर रहा हैं
ना वक़्त देखता ना राह
बस अकड़ हमसे आंख मिचोली सी कर रहा हैं
ये मोसम भी ना..........
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here