मैं जब भी माँगूँगा, तुमसे तुम्हारा वक्त माँगूँगा,
कब, कहाँ, कैसी हो इसका ज़िक्र माँगूँगा,
वक्त-बेवक्त कॉल करने का हक़ माँगूँगा
बिन बात के मेरे लड़ने पर तुम्हारा सब्र माँगूँगा,
अलसायी- सोयी सी तुम्हारी तस्वीरमाँगूँगा,
मैं जब भी माँगूँगा तुम्हें- तुमसे थोड़ा और माँगूँगा.....
©Jitendra Kumar
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