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मोहब्बत के कुछ चाम तो पिया कर
यूं ही तेरे नाम से लोग मुझे बदनाम नहीं किया करते,
कभी तू भी सोच कर तो देखा कर.
हजारों आशिक मरते हैं तेरे चांद पर,
कभी महफिल में अपनी चांदनी सजा कर तो देखा कर!
लोग कहते हैं घायल करते हैं आशिक को,
कभी तू भी घायल होकर तो दिखाया कर
मोहब्बत के कुछ चाम तो पिया कर !!
सफर से हमसफर तक का सफर तय कर तो देख,
जन्नत में कभी महफिल सजा कर तो देख,
साथ से रुह तक चलूंगी.
मोहब्बत के कुछ चाम पी कर तो देख!!!
©Puja kumari
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