Rita Jha

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#बसंतपंचमी #कविता #UnlockSecrets  माँ शारदे रीता झा

वक्त पड़ा किसी से मदद लेने का राह ताकती रही भीड़ में कहने को तो थे बहुत लोग मगर कोई सामने नहीं आया। मैंने दिल को समझाया कि शायद बिन पुकारे कोई नहीं आएगा। भला बिन बताए मेरी तकलीफ कौन कैसे समझ पाएगा। अबकी मैंने ज़ोर ज़ोर से आवाज लगाई, गूंज ऐसी थी कि धरती मां भी थराई दोस्तों की भीड़ में किसी के कान पर जूं न रेंगी हकीकत दोस्तों की तब समझ में आई। ©Rita Jha

#कविता #दोस्त #धोखा #Childhood  वक्त पड़ा किसी से मदद लेने का
राह ताकती रही भीड़ में 
कहने को तो थे बहुत लोग
मगर कोई सामने नहीं आया।

मैंने दिल को समझाया कि 
शायद बिन पुकारे कोई नहीं आएगा।
भला बिन बताए मेरी तकलीफ
 कौन कैसे समझ पाएगा।

अबकी मैंने ज़ोर ज़ोर से आवाज लगाई,
गूंज ऐसी थी कि धरती मां भी थराई
दोस्तों की भीड़ में किसी के कान पर जूं न रेंगी
हकीकत दोस्तों की तब समझ में आई।

©Rita Jha
#सात_फेरे #शायरी #पैगाम #ShamBhiKoi  💌 💬 🌠 💌

सर्दी का मौसम मन भी हुआ सर्द जाने कब समझे जमाना उन नारियों का दर्द। अपने ही पति द्वारा जो रोज़ कुचली जाती हैं। शादी के नाम पर शारीरिक प्रताड़ना पाती हैं। एक देश दो अलग-अलग फैसले व कानून। एक बात तय है यह है वैवाहिक रिश्ते का खून! आओ मिलकर कदम उठाएँ वैवाहिक रिश्ते में सहमति को आधार बनाएँ। वरना बाहर के भेड़िए और अंदर में कोई फर्क नहीं नजर आए। ©Rita Jha

#समाज #maritalrape #TwoLaws  सर्दी का मौसम 
मन भी हुआ सर्द
जाने कब समझे जमाना
उन नारियों का दर्द।
अपने ही पति द्वारा जो
रोज़ कुचली जाती हैं।
शादी के नाम पर शारीरिक प्रताड़ना पाती हैं।
एक देश दो अलग-अलग फैसले व कानून।
एक बात तय है यह है वैवाहिक रिश्ते का खून!
आओ मिलकर कदम उठाएँ
वैवाहिक रिश्ते में सहमति को आधार बनाएँ।
वरना बाहर के भेड़िए और अंदर में कोई फर्क नहीं नजर आए।

©Rita Jha

#maritalrape rape #TwoLaws #Love

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शादी नहीं, दो जिस्म को एक बनाने का बंधन! शादी नहीं, जज़्बातों को बेकाबू करने का बंधन। शादी नहीं, नहीं कोई शारीरिक संबंध बनाने का सौदा। शादी तो है एक पाक रिश्ते का आधार। दो दिल जब एक हों तभी हो शादी साकार। ऐसी शादी से बनता है परिवार। पति की शारीरिक मनमानी कहलाती बलात्कार। फैसला एक-समान हो पूरे देश में वरना नारी करेगी हाहाकार। ©Rita Jha

#ज़िन्दगी #humantouch #TwoLaws  शादी नहीं, दो जिस्म को एक बनाने का बंधन!
शादी नहीं, जज़्बातों को बेकाबू करने का बंधन।
शादी नहीं, नहीं कोई शारीरिक संबंध बनाने का सौदा।
शादी तो है एक पाक रिश्ते का आधार।
दो दिल जब एक हों तभी हो शादी साकार।
ऐसी शादी से बनता है परिवार।
पति की शारीरिक मनमानी कहलाती बलात्कार।
फैसला एक-समान हो पूरे देश में वरना नारी करेगी हाहाकार।

©Rita Jha
#जानकारी #LearnIndia  वक्त की पुकार 🏃 🏃 🚶

वक्त की पुकार #LearnIndia

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