sumit singh

sumit singh Lives in Kampil, Uttar Pradesh, India

ECE Engineer

https://youtu.be/u1H8ee0L0VM

  • Latest
  • Popular
  • Video
#barish_ki_bundein #tumhidekhona #jharokha #barish

#tumhidekhona #barish #barish_ki_bundein #jharokha Nik JAT LoVe YoU # जादूगर खामोशी और दस्तक एक गुमनाम मुशाफिर

395 View

#dhaage

#dhaage तेरी खामोशी तुझसे बिछड़ने सी लगती है..... 😢😢

251 View

#dhaage #story

#dhaage रोती हुई आँखों में कोई बात हँसी है.....

264 View

तेरी आँखियों का नूर,मुझे पागल कर देता है | जहां भी जाऊं मैं, बेचैन कर देता है | जाऊं कहीं दूर मै, तेरी याद बहुत आती है| जाने नहीं देती दूर मुझ को, पास बुलाती है| सोंचता हूँ साथ रहूं, मैं तेरे हमेशा| खुदा जाने कब ये, करिश्मा होगा ऐसा| तेरे साथ ही जीना चाहूँ, तेरे साथ ही मरना चाहूँ| तेरे बिना अब कहीं भी, मैं रह ना पाऊं| आते हैं तेरी आँखों में आँसू,मेरी बजह से जब भी | जान निकल जाती मेरी, जैसे सूखी लकड़ी | होंठों की लाली तेरी, पास बुलाती है| लगा के गले से मुझे, अपना बनाती है| जाने नहीं देती मुझे, दूर वो खुद से | जाने की कहूं भी मैं, वो उदास हो जाती है | साथ रहूं मैं हमेसा उसके, सायद यही वो चहाती है| करती है प्यार मुझ से, पर कह नहीं पाती है |...........

#MeraShehar  तेरी आँखियों का नूर,मुझे पागल कर देता है |
जहां भी जाऊं मैं, बेचैन कर देता है |
जाऊं कहीं दूर मै, तेरी याद बहुत आती है|
जाने नहीं देती दूर मुझ को, पास बुलाती है|
सोंचता हूँ साथ  रहूं, मैं तेरे हमेशा|
खुदा जाने कब ये, करिश्मा होगा ऐसा|
तेरे साथ ही जीना चाहूँ, तेरे साथ ही मरना चाहूँ|
तेरे बिना अब कहीं भी, मैं रह ना पाऊं|
आते हैं तेरी आँखों में आँसू,मेरी बजह से जब भी |
जान निकल जाती मेरी, जैसे सूखी लकड़ी |
होंठों की लाली तेरी, पास बुलाती है|
लगा के गले से मुझे, अपना बनाती है|
जाने नहीं देती मुझे, दूर वो खुद से |
जाने की कहूं भी मैं, वो उदास हो जाती है |
साथ रहूं मैं हमेसा उसके, सायद यही वो चहाती है|
करती है प्यार मुझ से, पर कह नहीं पाती है |...........

#MeraShehar

11 Love

तेरी आँखियों का नूर,मुझे पागल कर देता है | जहां भी जाऊं मैं, बेचैन कर देता है | जाऊं कहीं दूर मै, तेरी याद बहुत आती है| जाने नहीं देती दूर मुझ को, पास बुलाती है| सोंचता हूँ साथ रहूं, मैं तेरे हमेशा| खुदा जाने कब ये, करिश्मा होगा ऐसा| तेरे साथ ही जीना चाहूँ, तेरे साथ ही मरना चाहूँ| तेरे बिना अब कहीं भी, मैं रह ना पाऊं| आते हैं तेरी आँखों में आँसू,मेरी बजह से जब भी | जान निकल जाती मेरी, जैसे सूखी लकड़ी | होंठों की लाली तेरी, पास बुलाती है| लगा के गले से मुझे, अपना बनाती है| जाने नहीं देती मुझे, दूर वो खुद से | जाने की कहूं भी मैं, वो उदास हो जाती है | साथ रहूं मैं हमेसा उसके, सायद यही वो चहाती है| करती है प्यार मुझ से, पर कह नहीं पाती है |...........

 तेरी आँखियों का नूर,मुझे पागल कर देता है |
जहां भी जाऊं मैं, बेचैन कर देता है |
जाऊं कहीं दूर मै, तेरी याद बहुत आती है|
जाने नहीं देती दूर मुझ को, पास बुलाती है|
सोंचता हूँ साथ  रहूं, मैं तेरे हमेशा|
खुदा जाने कब ये, करिश्मा होगा ऐसा|
तेरे साथ ही जीना चाहूँ, तेरे साथ ही मरना चाहूँ|
तेरे बिना अब कहीं भी, मैं रह ना पाऊं|
आते हैं तेरी आँखों में आँसू,मेरी बजह से जब भी |
जान निकल जाती मेरी, जैसे सूखी लकड़ी |
होंठों की लाली तेरी, पास बुलाती है|
लगा के गले से मुझे, अपना बनाती है|
जाने नहीं देती मुझे, दूर वो खुद से |
जाने की कहूं भी मैं, वो उदास हो जाती है |
साथ रहूं मैं हमेसा उसके, सायद यही वो चहाती है|
करती है प्यार मुझ से, पर कह नहीं पाती है |...........

तेरी आँखों का नूर

9 Love

🌹🌹🌹🌹 a. r.

10 Love

Trending Topic