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पेशे से इंजीनियर मिज़ाज शायराना लबों पे मुस्कान गम है गुनगुनाना दिल है साफ़ ज्यों गंगा की धारा मंज़िल है तेरा दिल घर है गंगा किनारा
हाथ में भर कर उड़ा भी सकता था ये रंग फिजा पर छा भी सकता था मुट्ठी भींच ली मैंने क्यों छुपाने को रंग उन गालों पे सजा भी सकता था नज़रें चुरा ली उसने मिलाकर एक बार वरना आग दिल में लगा भी सकता था उसकी यादों ने भटकने न दिया मुझको ये नशा ख़राब है बहका भी सकता था ©Mohammad Anees "Rahi"
Mohammad Anees "Rahi"
11 Love
मुझसे नहीं मिलता तो अब किससे मिलता है सोचकर उसकी बातें अक्सर दिन गुजरता है भरी महफ़िल में मुंह फेर ले तो कोई बात नहीं तन्हाइयों में भी वो कसमें वादों से मुकरता है ©Mohammad Anees "Rahi"
10 Love
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है बदन तेरा खूबसूरत, सीरत का क्या पूरी कर ली जरूरत, मुहब्बत का क्या ©Mohammad Anees "Rahi"
मनोकामना मेरी ये पूर्ण हो जाए जिसे भूख सताए वो रोटी पाए ©Mohammad Anees "Rahi"
8 Love
इंतज़ार इश्क़ की राहों पर सफर अपना खुशगवार रहा हाथों में उनका हाथ, आंखों में जब प्यार रहा मंज़िल की जानिब जाती राह के एक मोड़ पर वो खो गए जाने किधर और मुझे इंतज़ार रहा ख़बर है कि वो रकीबों के कबीले में जा ठहरे है खैरियत मिलीं उनकी ऐसे के दिल बेकरार रहा अब बुरा क्या मानना जो चाहा उसने चुन लिया उसके किये वादों का मगर उम्र भर एतबार रहा न तन्हाई रूलाएं, न नींद सुलाएं, न शिकवा कोई आंखें लगी है रस्ते पर 'राही' यूं उनका इंतज़ार रहा ©Mohammad Anees "Rahi"
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