The_sourabh_baba

The_sourabh_baba Lives in Jaipur, Rajasthan, India

बाबा की कलम से- A lyricist 💖

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©The_sourabh_baba

मेरे मुकद्दर में गमों के सैलाब काफ़ी है ना जाने और कितने आसुओं के हिसाब बाकी है जहां से शुरू हुआ था वहीं पर पहुंच गया हूं मैं ना जाने और कितने उजारों से दो-चार होना बाकी है डरता हूं कि हमसाये कहीं चले ना जाए छोड़कर ना जाने और कितनी दहशतों से हलाकान होना बाकी है अभी खत्म कहां हुए हैं सितम सितमगारों के ना जाने और कितने इम्तहानों से बेज़ार होना बाकी है ©The_sourabh_baba

#बाबा_की_कलम_से #नोजोटोहिंदी #बाकी_है #नोजोटो #baba_ki_kalam_se #The_Sourabh_Baba  मेरे मुकद्दर में गमों के सैलाब काफ़ी है
ना जाने और कितने आसुओं के हिसाब बाकी है

जहां से शुरू हुआ था वहीं पर पहुंच गया हूं मैं
ना जाने और कितने उजारों से दो-चार होना बाकी है

डरता हूं कि हमसाये कहीं चले ना जाए छोड़कर
ना जाने और कितनी दहशतों से हलाकान होना बाकी है

अभी खत्म कहां हुए हैं सितम सितमगारों के
ना जाने और कितने इम्तहानों से बेज़ार होना बाकी है

©The_sourabh_baba

जो लोग वाक़िफ ही नहीं मेरे दिल के जज़्बात से वो क्या ही ताल्लुक रक्खेंगे मेरे गम-ए-हयात से गैरों की तकलीफ़ में जो अपनों को भूल गए हैं वो अब बात भी करते हैं अपने मतलब की बात से ©The_sourabh_baba

#बाबा_की_कलम_से #baba_ki_kalam_se #SunSet #गम  जो लोग वाक़िफ ही नहीं मेरे दिल के जज़्बात से
वो क्या ही ताल्लुक रक्खेंगे मेरे गम-ए-हयात से
गैरों की तकलीफ़ में जो अपनों को भूल गए हैं
वो अब बात भी करते हैं अपने मतलब की बात से

©The_sourabh_baba
#बाबा_की_कलम_से #baba_ki_kalam_se #nojotoapp #हद
#बाबा_की_कलम_से #जिंदगी #नोजोटो #baba_ki_kalam_se #nojotoapp  जिंदगी में सुकून दुंढ़ने निकला हूं
हां मैं बारिश में धूप ढूंढ़ने निकला हूं

निकलता हूं घर से रातों में कि समेट लूंगा चांदनी बात अलग है कि हाथ मेरे अंधेरे भी नहीं लगते। उजाले में जब नज़रे साथ देने को है राजी तब कमबख्त कदम कहते है कि हम नहीं चलते।

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बात अलग है कि हाथ मेरे अंधेरे भी नहीं लगते।
उजाले में जब नज़रे साथ देने को है राजी तब कमबख्त कदम कहते है कि हम नहीं चलते।
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