White ब्रह्माण्ड में परमेश्वर के बाद यदि पवित्र और सत्य कुछ हैं तो वो निश्चित और निश्चित प्रेम ही हैं। इस ब्रह्माण्ड में एक मात्र प्रेम ही सत्य है, पवित्र हैं, शीतल है, शांत हैं, आनंद हैं, क्षमा, सहनशील और मोक्ष हैं। और ये आध्यात्मिक के बिना असंभव हैं। और ये सारे लक्षण और गुण आध्यात्म से हैं। मैं वारंवार यही दोहराता हूं की आध्यात्म के बिना प्रेम को पाना, समझना और जीवन में प्रेम को धारण करना असंभव हैं। प्रेम एक ही होता हैं पर उसके कई रूप होते हैं
©sanjay Kumar Mishra
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