English
I am an intermediate student. my appox. 15 poems are published in many anthologies.
रमजान का पहला चांद दिखा, रोजा इफ्तारी मुबारक हो । मुकम्मल हो आपकी हर दुआ, खुदा करे आपकी हर ख्वाहिश पूरी हो।। ©Kumar Vivek
Kumar Vivek
9 Love
27 View
इस विरान खंडहर -से- दिल के चार दिवारी में, तेरी एक टूटी तस्वीर सजाएं रखा हूं । जानता हूं अब हमारा मिलना है मुमकिन नहीं, मगर फिर भी तुम्हारे आने की आस लगाएं रखा हूं।। ©Kumar Vivek
16 Love
पता नहीं वो कौन-सी खुशबू है ? जो बिन लगाए ही हर पल महक का अहसास देती है। एक *मेरी मां* ही है जो हमेशा, अपनी दुआओं में मेरा नाम लेती है ।। ©Kumar Vivek
17 Love
उसे किसी की मोहब्बत का ऐतिबार नहीं, उसे जमाने ने शायद बहुत सताया है । वो रहती है अब हमसे भी बहुत खफ़ा, मगर आज तक उसने हमारा कसूर न बताया है।। ©Kumar Vivek
14 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here