Kumar Vivek

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I am an intermediate student. my appox. 15 poems are published in many anthologies.

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रमजान का पहला चांद दिखा, रोजा इफ्तारी मुबारक हो । मुकम्मल हो आपकी हर दुआ, खुदा करे आपकी हर ख्वाहिश पूरी हो।। ©Kumar Vivek

#कविता #CrescentMoon #RAMADAAN  रमजान का पहला चांद दिखा,
रोजा इफ्तारी मुबारक हो ।
मुकम्मल हो आपकी हर दुआ,
खुदा करे आपकी हर ख्वाहिश पूरी हो।।

©Kumar Vivek
#MakarSankranti2021 #कविता #kite  मकर संक्रांति  वो एक हवा का झरोखा ,
मैं कोई पतंग हूं नीले आसमान का।
चाहत है वो बहे कभी मेरे लिए फ़िजाओं में इस क़दर,
मैं ले लूं मजा उड़कर सारे जहान का।।

©Kumar Vivek
#जानकारी  मंजिल-ए-मुसाफिर तब तक उससे गुमनाम है,
जब तक अपनी ताकतों से वो खुद अनजान है ।।

©Kumar Vivek

# motivational

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इस विरान खंडहर -से- दिल के चार दिवारी में, तेरी एक टूटी तस्वीर सजाएं रखा हूं । जानता हूं अब हमारा मिलना है मुमकिन नहीं, मगर फिर भी तुम्हारे आने की आस लगाएं रखा हूं‌।। ©Kumar Vivek

#कविता #love❤  इस विरान खंडहर -से- दिल के चार दिवारी में,
तेरी एक टूटी तस्वीर सजाएं रखा हूं ।
जानता हूं अब हमारा मिलना है मुमकिन नहीं,
मगर फिर भी तुम्हारे आने की आस लगाएं रखा हूं‌।।

©Kumar Vivek

#love❤

16 Love

पता नहीं वो कौन-सी खुशबू है ? जो बिन लगाए ही हर पल महक का अहसास देती है। एक *मेरी मां* ही है जो हमेशा, अपनी दुआओं में मेरा नाम लेती है ।। ©Kumar Vivek

#कविता #MothersDay  पता नहीं वो कौन-सी खुशबू है ?
जो बिन लगाए ही हर पल महक का अहसास देती है।
एक  *मेरी मां* ही है जो हमेशा,
अपनी दुआओं में मेरा नाम लेती है ।।

©Kumar Vivek

#MothersDay

17 Love

उसे किसी की मोहब्बत का ऐतिबार नहीं, उसे जमाने ने शायद बहुत सताया है । वो रहती है अब हमसे भी बहुत खफ़ा, मगर आज तक उसने हमारा कसूर न बताया है।। ©Kumar Vivek

#कविता #Likho  उसे किसी की मोहब्बत का ऐतिबार नहीं,
उसे जमाने ने शायद बहुत सताया है ।
वो रहती है अब हमसे भी बहुत खफ़ा,
मगर आज तक उसने हमारा कसूर न बताया है।।

©Kumar Vivek

#Likho #love

14 Love

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