कहानी है ये ऐसे जहान की
उम्मीदों से भरे खुले आसमान की
जहाँ की हवायें,सुकूनी आयाम सा बनाये
बीती बातों से अंजान हो जहां वक्त के साये
पक्षियों के गुनगुनाहटो भरे बयान
सुनाये अपनी जिंदगी की खींचतान भरी दास्तान
जल हो जहां का निश्चल,बेरंग,बेताब सा
मुकदस भरा हो जिसका रास्ता
जहाँ जहाँ तक फैले ये आंखो के किनारे
हरे रंग के आफताब में हो बोल सारे
चित्र,विचित्र सा आंगन है
भाव से पूर्ण ये मधुबन है
हाथों का बेफिक्री के साथ फैलाना
सीने से बेबाक हवाओ का टकराना
तराशे है ये नजारे आँखों ने बड़ी अकीदत से
जिये हैं बस उन ही लम्हे में अब तक हकीकत में
Jitesh Bhardwaj
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