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Author, poet and songwriter
कच्चा है मकां तेरा उससे न मिला कर बादल है नाम उसका बरसेगा वो ज़रूर. ©Rajiv Roy
Rajiv Roy
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आज फिर शाम से उदासी है फिर कोई आरज़ू सी प्यासी है सैकड़ों गम मेरी तलाश में हैं और ये जान इक ज़रा सी है *राजीव राय ©Rajiv Roy
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स्वयं को श्रेष्ठ समझने वाले ये कभी समझ नहीं पाते कि दुनिया की नज़रों में उनकी छवि क्या है और अक्सर धोखा खाते हैं. *राजीव राय ©Rajiv Roy
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यहाँ कौन किसके क़रीब है. ये तो अपना अपना नसीब है. *राजीव राय ©Rajiv Roy
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