छीनकर वक्त के तहखाने से नए अल्फ़ाज़ लाता हूँ, इश्क़ के दरिया को अपनों के पास लाता हूँ, चाहत नहीं मशहूर होने की इस अंजान शहर में "निमय" बस अपने जीने और तुम्हें जियाने के नए अंदाज लाता हूँ........... ❤❤❤❤❤
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