एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता,
जब उनसे बात होती है....//
और एक...., दुःख सहा नही जाता,
कि अब तुमसे से भी जरूरी, बहुत कुछ है, उसकी जिंदगी में,
जब ये बात मालूम होती है....//
फिर एक बार.., दिल ठहर जाता है उनको सुनने के लिए,
हम चुप हो जाते और उनकी बाते शुरू होती है....//
और फिर से घाव दर्द देने लगता है, जब
पता चले कि, वो किसी भी सूरत में तुम्हारा नही हो सकता,
जब ये बात जहन में घर होती है....//
वो खुदा तो नही अनमोल, लेकिन खुदा से कम भी नहीं....,
क्योंकि उसके इंतजार में हदे पार होती हैं....//
एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता,
जब उनसे बात होती है....//
और एक...., दुःख सहा नही जाता, कि वो पास नही होती,
लेकिन उनकी बात होती है....//
एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता,
जब उनसे बात होती है....//
©Molu Writer
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