मैं अपने दिल की बात आपसे शेयर करता हूं।
मैं अपनी कलम में सियाही की छोड़ आंसुओ को भरता हूं।
उस दिन हमारी रात को मैसेज पर बात हुई।
पर मुझे न पता था कि हमारी आखरी रात हुई।
तबीयत न ठीक थी उसकी,तो वो बातों में रो गई।
जल्द ही तुम ठीक हो जाऊँगी,मुझसे जे सुन कर सो गई।
एक दिन सुबह पता चला कि वो अब इस दुनियां में न रही।
विश्वास न हो रहा था कि जेह किसी ने कोई बात कही।
जाते हुए उसने मेरे को कुछ न कहा।
उसकी यादों के सिवाय मेरे पास कुछ न रहा।
दिल तो करता है कि मैं भी मर जाऊ।
पर उसने वायदे दिए थे जो मैं निभाउं।
क्या करूं मैं कुछ समझ नहीं आ रहा।
ज़िंदा लाश बनता हूं जा रहा।
जिंदा लाश हूं बनता जा रहा.........✍️तेरा deep✍️
©Mehra Saab
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