Ashok Verma

Ashok Verma "Hamdard"

Born on 29th of November Poet Story, Lyrics & Script Writter Sub Editor [News Hint]

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White सुनते हैं आज भी तेरी महफ़िल में, मेरे नाम के चर्चे होते हैं, कैसे भुला पाओगी तुम मुझे, जो साथ जुड़े फ़र्ज़े होते हैं। वो लम्हे, जो हमने संग बिताए थे, वो ख्वाब, जो आंखों में बसाए थे, वो बातें, जो अनकही रह गईं, आज भी दिल में कहीं गहरे छिपाए थे। तू चाहे लाख कोशिश कर ले, पर यादों के धागे टूटते नहीं, वो वादे, जो हमने किए थे कभी, वो फ़र्ज़े आसानी से छूटते नहीं। तेरी राहों में जब भी कोई ग़म आएगा, मेरी याद का साया तुझे बचाएगा, कैसे भुला पाओगी मुझे तुम, जब हर कदम पर मेरा एहसास आएगा। आज भी तेरी महफ़िल में, मेरे नाम की बातें होती हैं, हमारे बीच जो जुड़ा है फ़र्ज़, वो कहानियाँ हर दिन रोती हैं। अशोक वर्मा "हमदर्द" ©Ashok Verma "Hamdard"

#शायरी  White सुनते हैं आज भी तेरी महफ़िल में,
मेरे नाम के चर्चे होते हैं,
कैसे भुला पाओगी तुम मुझे,
जो साथ जुड़े फ़र्ज़े होते हैं।

वो लम्हे, जो हमने संग बिताए थे,
वो ख्वाब, जो आंखों में बसाए थे,
वो बातें, जो अनकही रह गईं,
आज भी दिल में कहीं गहरे छिपाए थे।

तू चाहे लाख कोशिश कर ले,
पर यादों के धागे टूटते नहीं,
वो वादे, जो हमने किए थे कभी,
वो फ़र्ज़े आसानी से छूटते नहीं।

तेरी राहों में जब भी कोई ग़म आएगा,
मेरी याद का साया तुझे बचाएगा,
कैसे भुला पाओगी मुझे तुम,
जब हर कदम पर मेरा एहसास आएगा।

आज भी तेरी महफ़िल में,
मेरे नाम की बातें होती हैं,
हमारे बीच जो जुड़ा है फ़र्ज़,
वो कहानियाँ हर दिन रोती हैं।
अशोक वर्मा "हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard"

'दर्द भरी शायरी'

10 Love

White जीगर का दर्द ऊपर से नज़र नहीं आता है, दिल के भीतर, चुपचाप ये रह जाता है। चेहरे पर मुस्कान, आँखों में चमक, पर भीतर का तूफान, कोई न समझ पाता है। दिल की दीवारें चुपचाप सिसकती हैं, बातें होंठों से नहीं, आँखें कहती हैं। ज़ख्म गहरे, जो छिपते नहीं कभी, इनकी चुभन हर पल दिल में ही रहती है। सांसें चलती हैं, पर रूह थमती जाती है, जीगर का दर्द हर लम्हा सहलाती है। कोई पूछे तो जुबां खामोश रह जाती है, ये वो तकलीफ है, जो आखें नहीं बतलाती है। चोट बाहर की नहीं, अंदर की होती है, जो जीगर को चुपचाप आँसुओं से धोती है। जो महसूस करे, वही इसे जान पाएगा, वरना ये दर्द कभी ऊपर से नज़र नहीं आएगा। अशोक वर्मा "हमदर्द" ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #sad_quotes  White जीगर का दर्द ऊपर से नज़र नहीं आता है,
दिल के भीतर, चुपचाप ये रह जाता है।
चेहरे पर मुस्कान, आँखों में चमक,
पर भीतर का तूफान, कोई न समझ पाता है।

दिल की दीवारें चुपचाप सिसकती हैं,
बातें होंठों से नहीं, आँखें कहती हैं।
ज़ख्म गहरे, जो छिपते नहीं कभी,
इनकी चुभन हर पल दिल में ही रहती है।

सांसें चलती हैं, पर रूह थमती जाती है,
जीगर का दर्द हर लम्हा सहलाती है।
कोई पूछे तो जुबां खामोश रह जाती है,
ये वो तकलीफ है, जो आखें नहीं बतलाती है।

चोट बाहर की नहीं, अंदर की होती है,
जो जीगर को चुपचाप आँसुओं से धोती है।
जो महसूस करे, वही इसे जान पाएगा,
वरना ये दर्द कभी ऊपर से नज़र नहीं आएगा।
अशोक वर्मा "हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard"

#sad_quotes

12 Love

White कभी कभी तस्वीरों में छिपी एक झलक होती है बेहिसाब, दिल को जकड़ लेती है यूं जैसे छू लिया हो कोई ख्वाब। नज़रें ठहर जाती हैं जहां, वहां नियत का क्या है काम, तस्वीरों में मासूम चेहरे बना जाते हैं कई अरमान। कभी कोई मुस्कान भुला देती है, सारी दुनिया का हिसाब-किताब, पर कभी-कभी वही मुस्कान नियत की राह में बिछाती है ख़राब। आंखों का धोखा, दिल की कमजोरी, तस्वीरों में होता है कुछ अनजाना, जो नियत को घेर लेता है, और मन को भटका देता है पाना। पर तस्वीरें तो बस कागज के रंग हैं, नियत का खेल मन का जाल, सच्चा हो दिल, सच्ची हो नज़र तो तस्वीरें होंगी बेअसर हाल। अशोक वर्मा "हमदर्द* ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता  White कभी कभी तस्वीरों में छिपी
एक झलक होती है बेहिसाब,
दिल को जकड़ लेती है यूं
जैसे छू लिया हो कोई ख्वाब।

नज़रें ठहर जाती हैं जहां,
वहां नियत का क्या है काम,
तस्वीरों में मासूम चेहरे
बना जाते हैं कई अरमान।

कभी कोई मुस्कान भुला देती है,
सारी दुनिया का हिसाब-किताब,
पर कभी-कभी वही मुस्कान
नियत की राह में बिछाती है ख़राब।

आंखों का धोखा, दिल की कमजोरी,
तस्वीरों में होता है कुछ अनजाना,
जो नियत को घेर लेता है,
और मन को भटका देता है पाना।

पर तस्वीरें तो बस कागज के रंग हैं,
नियत का खेल मन का जाल,
सच्चा हो दिल, सच्ची हो नज़र
तो तस्वीरें होंगी बेअसर हाल।
अशोक वर्मा "हमदर्द*

©Ashok Verma "Hamdard"

दिल की बात

9 Love

White दिल टटोल कर देखना है की हिंदी कैसी और कहां है, अब तक तो हिंदी ने अपनों के दिए हुए जख्मों को ही सहा है,क्योंकि बड़े बड़े राजभाषा अधिकारी भी खा कर हिंदी की रोटी विशाल भारत में बिंदी की तरह छोटी जगह ही दे पाते है हिंदी को,और कहते है हिंदी तो भारत मां के सर की बिंदी है, मैं कहता हूं हिंदी को बिंदी नही भारत मां के पूर्ण परिधान में रखने की आवश्यकता है जिससे पूरा भारत ढंक जाए,हिंदी के रंगों में और भारत माता मुस्कुराती हुई कहे हिंदी है ये वतन है हिंदुस्तान हमारा।। ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #hindi_diwas  White 

दिल टटोल कर देखना है की
हिंदी कैसी और कहां है,
अब तक तो हिंदी ने अपनों के
दिए हुए जख्मों को ही सहा है,क्योंकि
बड़े बड़े राजभाषा अधिकारी भी
खा कर हिंदी की रोटी विशाल भारत में
बिंदी की तरह छोटी जगह ही दे पाते है
हिंदी को,और कहते है
हिंदी तो भारत मां के सर की बिंदी है,
मैं कहता हूं
हिंदी को बिंदी नही
भारत मां के पूर्ण परिधान में
रखने की आवश्यकता है
जिससे पूरा भारत ढंक जाए,हिंदी के रंगों में
और भारत माता मुस्कुराती हुई कहे
हिंदी है ये वतन है हिंदुस्तान हमारा।।

©Ashok Verma "Hamdard"

#hindi_diwas

12 Love

White *हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली"हिंदी" सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भावों की अभिव्यक्ति है, फिर भी अपनें ही देश में सिसक रही हिंदी है जैसे सिर मौर्य बनी अंग्रेजी बहुत बड़ी शक्ति है, इस लिए की उच्च शिक्षा की तमाम पुस्तकें अंग्रेजी में ही पढ़ाई जाती है, और हर साल तमाम संस्थाओं में बुद्धिजीवियों के घर एक सुनिश्चित तिथि को हिंदी दिवस मनाई जाती है।। अशोक वर्मा "हमदर्द" ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #hindi_diwas  White *हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं*
देश को एकता के सूत्र में बांधने वाली"हिंदी"
सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि भावों की अभिव्यक्ति है,
फिर भी अपनें ही देश में सिसक रही हिंदी है
जैसे सिर मौर्य बनी अंग्रेजी बहुत बड़ी शक्ति है,
इस लिए की उच्च शिक्षा की तमाम पुस्तकें
अंग्रेजी में ही पढ़ाई जाती है,
और हर साल तमाम संस्थाओं में
बुद्धिजीवियों के घर
एक सुनिश्चित तिथि को
हिंदी दिवस मनाई जाती है।।
अशोक वर्मा "हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard"

#hindi_diwas

16 Love

White छोटी सी है ये ज़िन्दगी है, हर पल में ख़ुशी बसा लो। जो साथ नहीं तुम्हारे, यादों में उन्हें सजा लो। रूठ जाए जो कोई अपना, चल कर उसे मना लो। जो लौट नहीं पाए फिर दुनिया में, उनकी दुआओं से दिल सजा लो। कल की फ़िक्र छोड़ दो, आज की हंसी में रंग मिला लो। कोशिशों के तीर सहेज कर, हौंसलों का दीप जला लो। हार जाओ चाहे जितनी बार, उम्मीद की किरण को थामे रहो। फिर से जीत का सपना बुनो, और मन में गुनगुना लो। बस यही जीवन की सच्चाई , हर हाल में ख़ुश रहना । खुश रहने के लिए दिल से सबको गले लगा लो,।। अशोक वर्मा"हमदर्द" ©Ashok Verma "Hamdard"

#कविता #Sad_Status  White छोटी सी है ये ज़िन्दगी है,  
हर पल में ख़ुशी बसा लो।  
जो साथ नहीं तुम्हारे,  
यादों में उन्हें सजा लो।  

रूठ जाए जो कोई अपना,  
चल कर उसे मना लो।  
जो लौट नहीं पाए फिर दुनिया में,  
उनकी दुआओं से दिल सजा लो।  

कल की फ़िक्र छोड़ दो,  
आज की हंसी में रंग मिला लो।  
कोशिशों के तीर सहेज कर,  
हौंसलों का दीप जला लो।  

हार जाओ चाहे जितनी बार,  
उम्मीद की किरण को थामे रहो।  
फिर से जीत का सपना बुनो,  
और मन में गुनगुना लो।  

बस यही जीवन की सच्चाई ,  
हर हाल में ख़ुश रहना ।
खुश रहने के लिए दिल से
सबको गले लगा लो,।।
अशोक वर्मा"हमदर्द"

©Ashok Verma "Hamdard"

#Sad_Status

13 Love

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