मेरे आंसुओं मे भागीदार बनो तो जानू,
साथ हँसने वाले तो और भी बहुत है।
ना जाने कौन सा दर्द छुपा है दिल मे उसके,
वो सख्स बेवजह हँसता बहुत है।
मुझे हराना बहुत मुश्किल होगा इस बार ,
मुझे पिछली बार का तजुर्बा बहुत है।
अब तो मरने का भी न होगा मलाल कुछ,
तुमने पूछ लिया मेरा हाल इतना बहुत है।
एक दिन मेरे होंठो पर रखी थी उसने प्यास अपनी,
मेरे होंठो मे आज भी मिठास बहुत है।
तेरे जिस्म नही रूह तक पहुंचना है मुझे,
वरना तो इश्क के बाज़ार बहुत है।
हज़ार बुराइयाँ मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती,
मेरे साथ माँ की दुआऐं बहुत है।
एक सख्स मोमबत्तियां बेचता है '"दीपक ",
सुना है उसके घर अंधेरा बहुत है।
ऐ खुदा कुछ नही चाहता तुझसे,
बस मेरी ऐसी नीयत बना देना ।
जब कोई प्यासा हो मेरे सामने ,
तब मुझे पानी बना देना।
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