Shoheb alam shayar jaipuri

Shoheb alam shayar jaipuri Lives in Jaipur, Rajasthan, India

thokre bhut milegi raho me gir ke uthna seekh par to koi bhi kaat sakta hai hoslo se udna seekh

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White ज़हन उलझनों में था आप फिरभी याद आ गए जब याद आए तो आंसू भी बेहिसाब आ गए अचानक तेरी तस्वीर देख कर दोस्त तेरे अहसान सभी याद आ गए राजस्थान की सभी यादों को छोड़ कर हमने सुना है आप अभी हैदराबाद आ गए अब यक़ीनन आएगी खुशबू मेरे हाथों में अब हाथों में मेरे भी गुलाब आ गए अब खुशबुओं से महकते हांथ मिलाऊं किस्से दोस्त सारे किस्मत में अभी खराब आ गए खुदा कि रहमते घर में क्यूं न हो घर में मेहमान सभी लाजवाब आ गए तबियत उसी दिन मेरी ठीक हो जानी है जिस दिन वो सामने मेरे बेनक़ाब आ गए ©Shoheb alam shayar jaipuri

#शायरी #love_shayari  White ज़हन उलझनों में था आप फिरभी याद आ गए
जब याद आए तो आंसू भी बेहिसाब आ गए

अचानक तेरी तस्वीर देख कर
दोस्त तेरे अहसान सभी याद आ गए

राजस्थान की सभी यादों को छोड़ कर
हमने सुना है आप अभी हैदराबाद आ गए

अब यक़ीनन आएगी खुशबू मेरे हाथों में
अब हाथों में मेरे भी गुलाब आ गए

अब खुशबुओं से महकते हांथ मिलाऊं किस्से
दोस्त सारे किस्मत में अभी खराब आ गए

खुदा कि रहमते घर में क्यूं न हो 
घर में मेहमान सभी लाजवाब आ गए

तबियत उसी दिन मेरी ठीक हो जानी है
जिस दिन वो सामने मेरे बेनक़ाब आ गए

©Shoheb alam shayar jaipuri

#love_shayari दोस्ती शायरी

12 Love

White एतबार मोहब्बत का जिस पर भी किया मोहब्बत उसकी ही बे असर निकली उसकी याद इस्क़दर ज़हन पर भारी थी नींद की गोली भी बे असर निकली बड़ी मुश्किल से वफ़ा दार लड़की मिली थी मुझे हाए अफसोस जिंदगी उसकी भी मुख्तसर निकली देखते रह गए सब उसकी आंखों को नक़ाब ओढ़े हुए वो लड़की जिधर जिधर निकली देखना था ताज महल जिस शहजादी को अफसोस हयात उसकी भी मुख्तसर निकली खुशबुएं फैल गई हवाओं में ज़ुल्फ़ लहराए हुए वो जिधर निकली लोग कहते थे जिसे साथ छोड़ जाएगी मगर वो लड़की तो अच्छी हमसफर निकली ©Shoheb alam shayar jaipuri

#शायरी #love_shayari  White एतबार मोहब्बत का जिस पर भी किया
मोहब्बत उसकी ही बे असर निकली

उसकी याद इस्क़दर ज़हन पर भारी थी
नींद की गोली भी बे असर निकली

बड़ी मुश्किल से वफ़ा दार लड़की मिली थी मुझे
हाए अफसोस जिंदगी उसकी भी मुख्तसर निकली

देखते रह गए सब उसकी आंखों को
नक़ाब ओढ़े हुए वो लड़की जिधर जिधर निकली

देखना था ताज महल जिस शहजादी को
अफसोस हयात उसकी भी मुख्तसर निकली

खुशबुएं फैल गई हवाओं में
ज़ुल्फ़ लहराए हुए वो जिधर निकली

लोग कहते थे जिसे साथ छोड़ जाएगी 
मगर वो लड़की तो अच्छी हमसफर निकली

©Shoheb alam shayar jaipuri

#love_shayari शेरो शायरी

12 Love

White मोहब्बत की राह में वफ़ा चाहिए थी यानी तुम्हारे दिल में जगहा चाहिए थी कही मिलती हो तो बता दो मुझे उदासीयों की मुझको दवा चाहिए थी मुझे रहना है तुम्हारी आंखों में हमेशा कैद इस लिए उम्र भर की मुझको सज़ा चाहिए थी जिंदगी तुम्पर वारने के लिए हाज़िर हु तुम कहो मेरी जान तुमको कब और कहां चाहिए थी मेरी बेचैन तबियत के सुकून के लिए बस तेरे दामन की ठंडी हवा चाहिए थी तेरी इज्जत मेरी नजरों में हमेशा बनी रहे आलम को बस इतनी वफ़ा चाहिए थी बाकी तो सब खैरियत है दोस्त बस आपकी थोड़ी दुआ चाहिए थी ©Shoheb alam shayar jaipuri

#शायरी #sad_quotes  White मोहब्बत की राह में वफ़ा चाहिए थी
यानी तुम्हारे दिल में जगहा चाहिए थी

कही मिलती हो तो बता दो मुझे
उदासीयों की मुझको दवा चाहिए थी

मुझे रहना है तुम्हारी आंखों में हमेशा कैद
इस लिए उम्र भर की मुझको सज़ा चाहिए थी

जिंदगी तुम्पर वारने के लिए हाज़िर हु
तुम कहो मेरी जान तुमको कब और कहां चाहिए थी

मेरी बेचैन तबियत के सुकून के लिए बस
तेरे दामन की ठंडी हवा चाहिए थी

तेरी इज्जत मेरी नजरों में हमेशा बनी रहे
आलम को बस इतनी वफ़ा चाहिए थी

बाकी तो सब खैरियत है दोस्त 
बस आपकी थोड़ी दुआ चाहिए थी

©Shoheb alam shayar jaipuri

#sad_quotes दोस्त शायरी

11 Love

White दिल के तमाम ज़ख्म हथेली पर आ गए अब देख कर बता कौन सा तूने दिया मुझे हर ज़ख्म पर है नाम तेरा लिखा हुआ कैसे कहूं मैं कौन सा तूने दिया मुझे आए कई मगर ये हक़ किसीको नहीं दिया अहसान मान खुदको छूने दिया तुझे सबके दिलों को यूंही तू तोड़ती रहे ये हक़ ऐ बेवफ़ा किसने दिया तुझे जिंदगी के किसी मोड़ पर कोई तुझको भी रुलाए इस वास्ते भी जिंदा रहने दिया तुझे कैसा तेरा किरदार है ये देखले सभी इस वास्ते भी गलत सलत कहने दिया तुझे ©Shoheb alam shayar jaipuri

#शायरी #sad_quotes  White दिल के तमाम ज़ख्म हथेली पर आ गए
अब देख कर बता कौन सा तूने दिया मुझे

हर ज़ख्म पर है नाम तेरा लिखा हुआ
कैसे कहूं मैं कौन सा तूने दिया मुझे

आए कई मगर ये हक़ किसीको नहीं दिया
अहसान मान खुदको छूने दिया तुझे

सबके दिलों को यूंही तू तोड़ती रहे
ये हक़ ऐ बेवफ़ा किसने दिया तुझे

जिंदगी के किसी मोड़ पर कोई तुझको भी रुलाए
इस वास्ते भी जिंदा रहने दिया तुझे

कैसा तेरा किरदार है ये देखले सभी
इस वास्ते भी गलत सलत कहने दिया तुझे

©Shoheb alam shayar jaipuri

#sad_quotes

15 Love

White बिना मां के मुझे जीना कहां आसान लगता है बिना मां के ये घर मुझको बहुत वीरान लगता है मेरी मां से मेरे घर में उजाला ही उजाला था हजारों रौनक़े घर में समा पुरनूर वाला था मुझे है याद बचपन में मुझे मां चांद कहती थी मेरी मां देख तेरा चांद अब वीरान लगता है तेरे चेहरे की ज़ियारत मां मुझे आराम देती थी दुआएं हर मुसीबत में हमारे काम देती थी मेरे सर पे दुआओं का तेरे जब हाथ रहता है मां तेरे हाथों की बरकत से हमारा काम बनता है बिना मां के मुझे जीना कहां आसान लगता है बिना मां के ये घर मुझको बहुत वीरान लगता है ©Shoheb alam shayar jaipuri

#शायरी #sad_shayari  White बिना मां के मुझे जीना कहां आसान लगता है
बिना मां के ये घर मुझको बहुत वीरान लगता है

मेरी मां से मेरे घर में उजाला ही उजाला था
हजारों रौनक़े घर में समा पुरनूर वाला था

मुझे है याद बचपन में मुझे मां चांद कहती थी
मेरी मां देख तेरा चांद अब वीरान लगता है

तेरे चेहरे की ज़ियारत मां मुझे आराम देती थी
दुआएं हर मुसीबत में हमारे काम देती थी

मेरे सर पे दुआओं का तेरे जब हाथ रहता है
 मां तेरे हाथों की बरकत से हमारा काम बनता है

बिना मां के मुझे जीना कहां आसान लगता है
बिना मां के ये घर मुझको बहुत वीरान लगता है

©Shoheb alam shayar jaipuri

#sad_shayari शायरी

10 Love

लिखने का शौक़ था सो लिख रहे है हम एक दोस्त को अपनी वफ़ा लिख रहे है हम सिगरट के कश मे मज़ा दोस्तो से था अब दोस्त नहीं तो सिगरट भी कहा पी रहे हम दोस्त तेरे बिना तो सांस भी चलती नहीं है अब बस देखने को लग रहा है हां जी रहे हम चाय में चाहत दोस्त तेरी दोस्ती से थी अब देख चाहत के बिना चाय कहां पी रहे है हम ऐ यार तुमने यार की ख़बर तक भी नहीं ली तन्हाई की ज़द में यार कहा जी रहे है हम तसल्ली को मेरे दोस्त तेरा हाथ भी नहीं अब खुद ही अपने ज़ख्म यहां सी रहे है हम अब क्या सुनाए हाल ऐ दोस्त आपको आपके बग़ैर दोस्त बस जी रहे है हम ©Shoheb alam shayar jaipuri

#शायरी  लिखने का शौक़ था सो लिख रहे है हम
एक दोस्त को अपनी वफ़ा लिख रहे है हम

सिगरट के कश मे मज़ा दोस्तो से था
अब दोस्त नहीं तो सिगरट भी कहा पी रहे हम

दोस्त तेरे बिना तो सांस भी चलती नहीं है अब
बस देखने को लग रहा है हां जी रहे हम

चाय में चाहत दोस्त तेरी दोस्ती से थी
अब देख चाहत के बिना चाय कहां पी रहे है हम

ऐ यार तुमने यार की ख़बर तक भी नहीं ली
तन्हाई की ज़द में यार कहा जी रहे है हम

तसल्ली को मेरे दोस्त तेरा हाथ भी नहीं
अब खुद ही अपने ज़ख्म यहां सी रहे है हम

अब क्या सुनाए हाल ऐ दोस्त आपको
आपके बग़ैर दोस्त बस जी रहे है हम

©Shoheb alam shayar jaipuri

दोस्ती शायरी

12 Love

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