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कविता की पाठशाला का नवोदित कलमकार विद्यार्थी
प्रकृति फिर दिख रही है हरियाली की चादर ओढ़े दुल्हन नयी नवेली। इस वसुंधरा के आंगन में लेकर आयी है अपने आंचल में खुशियों वाली हरेली ।। आप सभी को हरेली की हार्दिक शुभकामनाएं मन हरा हो,तन भरा हो और चहरे पर मुस्कान जगाएं आदित्य मस्त अल्हड़ १७/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti
Aditya Kumar Bharti
22 Love
वो बरसात फिर आई है, मुलाकात की याद लायी है। शायद इसे मालूम नहीं कि अब मेरे हिस्से में सिर्फ तन्हाई है।। मैं खुश हूं इस हाल में और दिल भी नहीं खड़ा है किसी सवाल में आदित्य मस्त अल्हड़ १६/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti
14 Love
तुम्हारे इश्क में पल रहा हूं। मेरे भी साथ चलो मैं जो तुम्हारे साथ चल रहा हूं।। आदित्य मस्त अल्हड़ १०/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti
अजी जिंदगी की बहुत तेज है रफ़्तार। जो रुक गये किसी मुकाम पर तो कैसे जीयोगे यहां सरकार।। चाहिए सब तो रफ़्तार रख अपने तरकश में वरना हासिल नहीं होता सब कुछ कशमकश में आदित्य मस्त अल्हड़ ०९/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti
18 Love
कभी इस फलक पर आकर इत्मीनान से पढ़ो मेरे दिली खयाल। "अल्हड़" दावा तो नहीं करता पर बेशक खत्म करेगा तुम्हारे कुछ सवाल।। वक्त मिले तो आना ज़रुर वरना वक्त का तकाजा तो जमाने में है बहुत मशहूर आदित्य मस्त अल्हड़ ०९/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti
वो बचपन आता है याद। कि जिंदगी के मेले के झमेले में फंस गया आखिर शमशाद।। आदित्य मस्त अल्हड़ ०८/०७/२०२४ ©Aditya Kumar Bharti
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