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Asif Ansari
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Saturday, 11 February | 06:37 pm
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जो खानदानी रईस है वो मिजाज रखते है नर्म अपना तुम्हारा लहज़ा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है ©Asif Ansari
9 Love
Sunday, 3 July | 02:26 pm
11 Bookings
आशिफ मौत पुकारे भी तो हिच्चकिया नहीं आती आदतन रोने पर भी सिसकियां नहीं जाती धकेलना पड़ता है खुद अपनी जमीं को। पर लगाने कोई कस्तिया नहीं आती । नई नस्लें या शाख कटी शायरी बोनसाई। मेरे मासूमों को अब मस्तियां नहीं आती। बेरहम बहरा हो रहा है खुदा भी आशिफ । गरीब के हिस्से खुशहालियं नहीं आती । सीमा शर्मा ©Asif Ansari
7 Love
आशिफ अंसारी ©Asif Ansari
11 Love
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